Book Title: Niryukti Panchak Part 3
Author(s): Bhadrabahuswami, Kusumpragya Shramani
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 817
________________ ६८६ नियुक्तिपंचक खंद (देव) उनि.३०८ खंदय (मुनि) उनि.११२, ११३ खंदसिरी (महिला) उनि.१११ खंध (अवयव) उनि.१८३ खज्जोय (तिर्यञ्च) आनि.११९ खत्त (वर्णान्तर) आनि.२२, २४ खत्ता (वर्णान्तर) आनि.२६ खरस्सर (परमाधार्मिक देव) सूनि.६७, ८१ खलुंक (तिर्यञ्च) उनि. ४८२-८५ खीर (खाद्य पदार्थ) उनि.२९३, दनि.९९ खेलेज्जा (दिशा) आनि.५७ गंग (निह्नव) उनि.१६९, १७२/६ गंगा (नदी) उनि. १२१, १२५, ४६२, ४६५ ।। गंडयजक्ख (यक्ष) उनि.३२० गंडि (यक्ष) उनि.३२० गंडितिंदुगवण (उद्यान) उनि. ३१७, ३२० । गंधार (श्रावक) उनि.९५ गंधार (जनपद) उनि.२५७ गंधार (पर्वत) दनि. ९७ गंधारी (महिला) उनि.३१८ गद्दभ (तिर्यञ्च) दशनि.२३४ गद्दभालि (मुनि) उनि.३९० गय (तिर्यञ्च) दशनि. २७६, उनि. ४८६, सूनि.२०१, दनि.३० गयग्गपयय (पर्वत) आनि.३५४ गयपुर (नगर) उनि.१०८, ३१५ गरादि (करण) उनि.१९०, सूनि.११ गागलि (राजा, मुनि) उनि. २७८ गावी (तिर्यञ्च) दशनि.२३४ गाहा(छंद) सूनि.१३९ गिद्धपिट्ठ (मरण) उनि.२०६, २१८, आनि. २७३ गिरितडग (नगर) उनि.३३६ १. दशार्णकूटवर्ती गजाग्रपद। गिरिपुर (नगर) उनि.३४० गुंजा (वायु) आनि.१६६ गुड (खाद्य पदार्थ) दशनि.२१८ गुणसिलय (चैत्य) उनि.१७१/३ गो (तिर्यञ्च) दनि.१०३ गोट्ठमाहिल (निह्नव) उनि. १६९ गोट्ठामाहिल (निह्नव) उनि. १७२/१० गोण (तिर्यञ्च) उनि.६५, ४८४, दनि. १२, गोतम (गणधर) उनि. २८४,२८७,२९२,२९४, २९५,२९८,४४५,४४७,४४८, सूनि.९०,२०६ दनि.१११ गोतम (नैमित्तिक) आनि. ३२३ गोदत्ता (रानी) उनि. ३३५ गोधुम (धान्य) दशनि.२२९ गोमेजय (मणि) आनि.७५ गोयमस्सामी (गणधर) दशनि.७४ गोरी (महिला) उनि.३१८ गोविंदवायग (आचार्य) दशनि.७८ गोसाल (भिक्षु) सूनि.१९१, १९९ घणवाय (वायु) आनि.१६६ घोडग (तिर्यञ्च) दशनि. २३४ चउप्पय (करण) उनि.१९१, सूनि.१२ चउरंस (संस्थान) उनि.३८, ४० चंडवडिंसय (राजा) उनि.३२५ चंडाल (वर्णान्तर) उनि. ३१६, आनि. २२, २५ चंदपडिमा (प्रतिमा) दनि.४७ चंदप्पभ (मणि) आनि.७६ चंपपुरी (नगरी) उनि.२७८ चंपा (नगरी) उनि. ९४, ११८, २७९, ३३६, ३४५, ४२५, दनि.९५ चक्क (शस्त्र) उनि. १६१, सूनि.९३ चमर (देव) आनि.३५४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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