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बीकानेर के व्याख्यान ]
मंत्री-आपने आज्ञा दी थी कि जबर्दस्ती साधु न बनाया जाय ।
राजा-वह तो साधु बनाने के विषय में थी । बकरों के विषय में तो कोई अाशा नहीं दी गई। ___ मंत्री-जैसे दूसरे लोग कहते हैं कि हम साधु बनाकर स्वर्ग भेजते हैं, उसी प्रकार इनका कहना है कि हम बकरों को मार कर स्वर्ग भेजते हैं । जब जबर्दस्ती माधु नहीं बनाने दिया जाता तो फिर जबर्दस्ती बकरों को कैसे स्वर्ग भेजा जा सकता है ?
राजा विवेकवान था । उसने मंत्री की बात पर विचार किया। विचार करने पर उसे ऊंचा कि मंत्री की बात सही है।
गाजा ने फिर पुरोहित को बुलवाया पुरोहितों के आने पर राजा ने पूछा-उनपशुओं को मारने का उद्देश्य क्या है ? उन्हें अमर क्यों न रक्खा जाय ? उन्हें अमर रखने से क्या ईश्वर प्रसन्न नहीं होगा?
प्रधान पुरोहित ने कहा-महाराज, आप भी भ्रम में पड़ गये हैं। हम पशुओं को मारते नहीं, स्वर्ग भेजते हैं । ___ मंत्री ने कहा-महराज, में पशुओं की ओर से कुछ निवेदन करना चाहता हूँ। उन पशुओं ने बड़ी ही दीनता के साथ प्रार्थना की है। वह प्रार्थना यह है
कहे पशु दीन सुन यज्ञ के करैया मोहि,
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