Book Title: Bharatiya Sanskriti Ke Vikas Me Jain Vangamay Ka Avdan Part 02
Author(s): Nemichandra Shastri, Rajaram Jain, Devendrakumar Shastri
Publisher: Prachya Shraman Bharati
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श्रमका इससे बढ़कर मेरे लिए और कोई मूल्य नहीं हो सकता । जितना महत्त्वपूर्ण यह ग्रन्थ है उसीके अनुसार इसका व्यापक प्रचार-प्रसार और उचित सम्मान हम सभीका गुरुतर दायित्व है, ताकि विद्वत्परिषद् गौरवपूर्ण प्रकाशनोंकी श्रृंखलामें आगे भी इसी प्रकारके अनेक महत्त्वपूर्ण ग्रन्थोंका बिना किसी आर्थिक कठिनाईके प्रकाशन करती रहे ।
मान्यवर बाबूलाल जी फागुल्ल, महावीर प्रेसका विशेष आभारी इसलिए हूँ कि मुद्रणके समय मेरे द्वारा सुझाये गये संशोधनोंको उदारतापूर्वक स्वीकार किया। पं० महादेव जी चतुर्वेदीको उनके अच्छे सहयोग के लिए भी विद्वत्परिषद्की ओरसे कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ ।
अध्यक्ष
जैनदर्शन विभाग
सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, श्रावण कृष्णा १, वीरशासन जयन्ती दिनांक २५-७-१९८३
डॉ० फूलचन्द जैन प्रेमी प्रकाशन मंत्री
अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत्परिषद्