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भगवान् महावार
प्रकार के समाधानों से हम अपनी दुर्बल आत्माओं को किसी प्रकार सन्तुष्ट कर लेते हैं।
पर यह बात नहीं है जो लोग वीर हैं-आत्मबली हैंप्रत्येक काल में और प्रत्येक स्थिति में वीर ही रहते हैं। सम्पत्ति की कमो उनके मार्ग में बाधा नहीं डाल सकती-कुटुम्ब का दुःख उन्हें अपनी प्रतिज्ञा से विचलित नहीं कर सकता और न परिस्थिति का बन्धन ही उनके आगे बढ़ने में विघ्न डाल सकता है।
जो लोग परिस्थिति और समय के अभाव के बहाने-सत्य का मार्ग जानते हुए भी-उस पर न चलने में बुद्धिमानी समझते हैं, वे अपनी आत्मा का घात करते हैं, अथवा वे अपने दुर्बल बिन्दु पर परदा डालने का प्रयत्न करते हैं। पर जो लोग अपनी दुर्बल इच्छाओं को (Desires) जो कि हमारे दृष्टि कोण के आस पास रहती है। संकल्प ( Will ) का रूप देकर सुधारना की ओर प्रगति करते हैं। उन्हें किसी भी संयोग से अवश्य अर्थ सिद्धि होती है । “Where there is a will there is a way" इस कहावत में बहुत सुन्दर और दृढ़ सत्य भरा हुआ है। संकल्प बल प्रत्येक स्थान पर विजय प्राप्त करता है। उसकी सम्पत्ति खास करके ध्यान और मन की एक वृति रखने ( Concentration ) से बढ़ती है। जो कि प्रत्येक समय और स्थिति में उपयोगी है ।।
हम आज कल के नवयुवक ज्ञान का अर्थ . बड़ा ही विप. रीत करते हैं। हम ज्ञान, श्रद्धा और चरित्र को भिन्न भिन्न वस्तुएँ मानते हैं। जैसा हम कहते हैं-जैसा हम जानते हैंShree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com