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अनेकान्त-56/1-2
9. प्रद्युम्नचरित्र रविसागर संस्कृत सं. 1645 10. शाम्ब प्रद्युम्नरास समयसुन्दर राजस्थानी स. 1659 11. प्रद्युम्नचरित्र शुभचन्द्र संस्कृत 17वीं शताब्दी 12. प्रद्युम्नचरित्र रतनचन्द्र
संस्कृत
स. 1671 13. प्रद्युम्नचरित्र मसिलभूषण सस्कृत 17वी शताब्दी 14. प्रद्युम्नचरित्र वादिचन्द्र संस्कृत 17वीं शताब्दी 15. शाम्ब प्रद्युम्नरास ज्ञानासागर हिन्दी 17वीं शताब्दी 16. शाम्ब प्रद्युम्न चौपई जिनचन्द्रसूरि हिन्दी 17वी शताब्दी 17. प्रद्युम्नचरित्र भागकीर्ति सस्कृत 17वीं शताब्दी 18 प्रद्युम्नचरित्र जिनेश्वसूरि संस्कृत 17वी शताब्दी 19. प्रद्युम्नचरित्र यशोधर सस्कृत 17वी शताब्दी 20. प्रद्युम्नचरित भाषा यशोधर हिन्दी गद्य 17वीं शताब्दी 21. प्रद्युम्नचरित प्रबन्ध देवेन्द्रकीर्ति हिन्दी सं. 1722 22. प्रद्युर- प्रद्युम्नरास मायाराम हिन्दी स. 1818 23. शाम्ब प्रद्युम्नरास हर्षविजय हिन्दी स. 1842 24. प्रद्युम्न प्रकाश शिवचन्द हिन्दी स. 1879 25. प्रद्युम्नचरित बख्तावरसिंह हिन्दी गद्य सं. 1914
ई. सन् 1075- 1125 मे हुए वागभट्टप्रथम ने नेमिनिर्वाणकाव्यम् की रचना की। कवि ने जिनसेन प्रथम के हरिवंशपुराण से कथावस्तु को ग्रहण किया है। इस काव्य मे अरिष्टनेमि की जन्मतिथि श्रावण शुक्ला षष्ठी बतायी गई है। इसका हरिवंशपुराण से मेल नहीं बैठता है। उत्तरपुराण में उक्त तिथि प्राप्त होती है पर जीवनवृत्त हरिवंशपुराण के समान है। कवि ने उत्तरपुराण और हरिवंशपुराण के साथ 'तिलोयपण्णत्ती' का भी अध्ययन किया है। कवि ने नेमिनाथ के गर्भ, जन्म, तप, ज्ञान और निर्वाण कल्याणकों का निरूपण सीधे और सरल रूप में किया है। प्रासंगिक कथाओं का नियोजन पूर्वभवावलि के रूप में त्रयोदश सर्ग में किया गया है। नेमिनाथ के जीवन की दो मर्मस्पर्शी घटनाये इस काव्य में हैं। एक घटना राजुल और नेमि का रैवतक पर पारस्परिक दर्शन और दर्शन के फलस्वरूप दोनो के हृदय में प्रेमाकर्षण की उत्पत्ति के रूप