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अनेकान्त-56/3-4
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महावीर और उनकी आचार्य परम्परा में लेखक ने अपना जीवन-उत्सर्ग करके श्रद्धा के सुमन चढ़ाए हैं। भारतवर्षीय दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी हीराबाग मुम्बई ने “भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ" पांच भागों में प्रकाशित किया है, जिसमें दिगम्बर जैन तीर्थो का इतिहास, भूगोल, पौराणिक आख्यान, स्थापत्य, यात्रामार्ग तथा उपलब्ध साधनों का परिचय दिया गया है। तीर्थक्षेत्रों के परिचय के लिए महत्त्वपूर्ण सन्दर्भ ग्रन्थ हैंभाग-1 उत्तरप्रदेश के जैन तीर्थ भाग-2 बिहार, बंगाल, उड़ीसा जैन तीर्थ भाग-3 मध्यप्रदेश के जैन तीर्थ भाग-4 राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के जैन तीर्थ भाग-5 कर्नाटक, दक्षिण भारत के जैन तीर्थ ।
ऐतिहासिक व्यक्तिकोश के विद्वान लेखक डॉ. ज्योतिप्रसाद जैन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति तथा इतिहास के जैन स्रोतों और जैन विद्या के विभिन्न अंगों के अर्न्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मूर्धन्य अधिकारी विद्वान थे। भारतीय इतिहास-एक दृष्टि, युगों-युगों में जैन धर्म, जैन शिलालेख संग्रह, जैन धर्म का इतिहास-डॉ. कामता प्रसाद जैन, दिगम्बरत्व और दिगम्बर मुनि, अशोक जैन था, सम्राट खारबेल, जैन वीरों का इतिहास, भगवान महावीर की अहिंसा और भारत के राज्यों पर इसका प्रभाव, काकन्दीपुर का देव, जैनधर्म और तीर्थकरों की ऐतिहासिकता और प्राचीनता, प्रतिमा लेख संग्रह आदि ग्रन्थ डॉ. कामता प्रसाद जैन के प्रसिद्ध ग्रन्थ हैं। वीरशासन के प्रभावक आचार्य-कस्तूरचन्द्र कासलीवाल एवं विद्याधर जोहरा पुरकर।
इसके अतिरिक्त कुछ प्रमुख कृतियां इस प्रकार हैपुस्तक प्रशस्ति-संग्रह, जैन साहित्य का इतिहास-पार्श्वनाथ विद्याश्रम से प्रकाशित, जैन साहित्य की पूर्व पीठिका-पंडित कैलाशचन्द्र शास्त्री, जैन साहित्य का इतिहास- पण्डित कैलाशचन्द्र शास्त्री, जैनदर्शन-पण्डित महेन्द्रकुमार जैन, साहित्य का इतिहास, परवार समाज का इतिहास-डॉ नाथूराम प्रेमी।