Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 377
________________ श्री अनुयोगदारसूत्रस्थ द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम् २२ मूलशब्दः सूत्राशदि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि अणंतगच्छगयाए १३८,२०४[४] अणागतद्धा २०२[२-३] अणुओगदारसंखा ४९४,४९५ अणंतगुणकक्खडे २२५०अणागतद्धाओ ५३२ अणुओगद्दारा ७५ अणंतगुणकालए ०अणागतद्धासु ५३२ अणुओगद्दाराई ६०६ अणंतगुणतित्ते - २२५ अयागय ५०,४६९ अणुओगद्दारे ६०० अणंतगुणनीलए २२५ अणागय० ४५३,४५७,४६९ ०अणुओगवरदारा ६०६गा.१४३ अणंतगुणसुरभिगंधे २२५ अणागायकालगहणं ४५३,४५४ अणुओगो २ तः ६ अणंतगुणा ४१३,४१६ ४५७ अणुगमे ७५,९८,१०५,११४[३], अणंतगुणाई ११४[२-३] अणाणाए । ११५,१२२,१३०,१४२,१४९, अणंतती २०३१२] अणाणुपुब्बि० १०४[२-३], १५८[३],१९०,१९९,६००, अणंतनाणीहिं ३६७गा.१०६ १०९[१-२],११०[१], ६०१,६०५ गा १३५. अणंतपएसिए ६३,९९,१३६ १११४१-२],११३[२],१९३ -अणुगमेणं १८८ १३७,२१६[१९],२४९ अणाणुपुव्वी ९९,१०१,१०३, | अणुगंतव्वे ६०४ अणंतपएसिया ११६,११८,१२०,१३१,१३४, अणुगाम ३०० अणंतपदेसिए ६७,३१५ १३५,१३८,१४३,१४५,१४७, | अणुचरियं ३०० अणंतपदेसिया ४०३ १६०,१६४,१६७,१६८,१७१, -अणुड्डभ ६०६ गा.१४२ अणंतभाग-० ४१६ १७२,१७५,१७६,१७९,१८४, | अणुणदीयं ३०० अणंतभागूणा १८६,१८८,२०१[१,४], अणुण्णविजंति अणंतभागो ४१३,४१६ २०२[१,४],२०३[१,४], | अणुण्णा २,३,४ अणंतराए २४४ २०४[१,४],२०५[१,४], अणुत्तरविमाणा १७३ अणंतरागमे ४७० २०६१,४],२०७[१,४] अणुत्तरोववाइए २१६[१७,१८] अणंतं ११४१,३] |भणाणुपुव्वी० १०४[१], अणुत्तरोववाइय० ३५५[५] अणंता ४०३,४०४,४१३, १०६[२],१०८[२],११२[२], अणुत्तरोववाइयदासओ ५० ४१४,४१६ ११३[२],११४[१-२-३],१२१, अणुत्तरोववाइयदसा[धरे] २४७ अणंताई १०७[१],१२४,१५१, १४८[१],१५२[२],१५३[२] अणुत्तरोववाइयदेवाणं ३५५[५] १९२ १५८४१-२] अणुत्तरोववाइया २४९ अणताणं ३४२,३४४,३६६ भणाणुपुल्वीओ १०३,१४३,१४७ | -अणुनासं २६०[१०] गा.४७ अणंताणतए ५०३,५०६ १८४,१८८ अणुप्पेहाए १४,४८२ अणंताणतयं ५१८,५१९ अणादिपारिणामिए २४८,२५० | अणुफरिहं ३०० अणंताहिं ४१३,४१४,४१६ अणादियसिद्धतेणं २६३,२६९ |-अणुमए ६०४गा.१३३ अणाउए २४४ अणामे २४४ | अणुमाणे ४३६,४४०,४५७ अणागतकालगहणं ४५०,४५३ अणावरणे २४४ अणुराहा २८५गा.८७ ४१६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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