Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 476
________________ श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य षष्ठं परिशिष्टम् १२२ आगमसव्वणिसेहे,.... चू०हा०५०, हे०५१ । उभयं जीवा-ऽजीवं-... ... चू०२८,हा०२९ आगारिंगितकुसलं... ... उरलं थेवपदेसोवचियं... ... हा०४४८ [विशेषावश्यकभा०९३३] हा०१२४,हे०१२७ उवमारूवगदोसो...[आवश्यकनि०८८४] हे०६१८ आदिल्लेसु वि एवं,... ... चू०१८७ उवरिमतुल्ल... ... हे०१९० आवन्ती केयावन्ती [आचाराङ्ग०१।५।१।१४७] उवसमसेढी एक्को... ... हा०२९१ हे०३४५ | उवसामगसेढिगतस्स होइ ... ... आवस्सगं ति णाम, ... ... चू०हा०२८ [विशेषावश्यकभा० ५२९, २७३५, आवस्सतं अवस्सकरणिज्ज... ... कल्पभा०११८] हा०२९१ [अनुयो॰सूत्रम् २९; विशेषा०८७२] चू०५३ | ऊसरदेसं दवेल्लयं ...[विशेषावश्यकभा०२७३४, आवस्सयं करेंतो,... ... . चू०३०,हा०३१ कल्पभा० १२२] हा०२९१ आसज्ज उ सोयारं नए ...[आवश्यकनि० ७६१] एएसि णं भंते एगिदिय-..[प्रज्ञापना०३।३] हे०४७४ हे०६३६,हे०५९२ एएसिं णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं... ...हे०१६८ इच्छित [अ]ट्ठा ... .... चू०१८७ एएसि णं भंते ! परमाणुपोग्गलाणं संखेज... इच्छितम चू०२४० [प्रज्ञापनासूत्रे तृतीयपदे सू०३३०] हे०१६२ इह जो ठवणिंदकतो... ... चू०हा०३४ एक एव हि भूतात्मा,... ... हा०९९ ओदइय-खओवसमिय-... ... हा०२९१ एक्केक्को य सयविहो... [आवश्यकनि० ७५९] ओमत्थ[ग]हत्थमितं,... ... चू०३५७ हे०६३७ [ओहे १ दसहा २] पदविभागे... ... एगं णिच्चं णिरवयव० [आवश्यकनि० ६६५] हा०२५४ उर्छ ति उवरि जं ठिय... ... [विशेषावश्यकभा० २२०६] चू०४३३ चू०२१५, एग एव हि भूतात्मा,... ... चू०५७९ हा०२१६,हे०२१७ एगपदेसोगाढं सत्तपदेसा य... हा०१४६,हे०१५३ उत्पन्नस्यानवस्थानाद् हा०५८१ उत्पादव्ययध्रौव्ययुक्तं सत् [तत्त्वार्थ०५।२९] एगम्मि खप्पदेसे,... ... चू०२२८,हा०२२९ हे०६१८ एतावानेव लोकोऽयं ... ... हे०६१९ उदधाविव सर्वसिन्धवः... ... एते छच्च समाणा चू०१२८ [सिद्धसेनद्वा० ४/६] एते छच्च समाणे णा?] हा०१८७ उद्देससमुद्देसे सत्तावीसं अणुण्णवणयाए [जीतक० एते पंच महब्भूया,... ... [सूत्रकृ० ११११७] गा० २२] हे०१५ चू०५७६,हा०५७७,हे०५७८ उद्धारसागराणं,... [जिन०संग्र० गा०८०] एत्तो पुव्वंगाई,... ... चू०४७९,हा०४८३ चू०२२०,हा० एत्थं पुण अहिकारो [आवश्यकनि० ७९] चू०२३ उभ उम्भ पूरणे [पा०धा० १४०५-१४०६] | एदोत्परः पदान्ते लोपमकार: हा०६२९ [कातन्त्र०१/२०१७] चू०२७३,हा०हे०२७४ हे०५३ 7.95 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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