Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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नमः - स्वस्ति - स्वाहा ... [ पा० २/३/१६] हा०३१७ नय कत्थ व निम्माओ...[कल्पभा०३७१]
श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य षष्ठं परिशिष्टम्
हे०२२
नयास्तव स्यात्पदलाञ्छिता . हा०५८२, हे ०५८४ न हिंस्यात् सर्वभूतानि,... हे०५८३ नाणं सविसयनिययं... [आवश्यकनि० ११५७ ]
हे०६३९
नाणाहीणं सव्वं नाणनओ
[विशेषावश्यकभा० ३५९१]
नाम च धातुजमाह.... नारग - देवा तिरि - मणुय...
हा०४३६
नाशां कण्ठमुरस्तालु
हे०३१०
निग्गंथ- सक्क- तावस ... [पिण्डनि० भा०४४५ ]
हे०३४९
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हे०५८३ | पढमदुगट्ठाणेसुं,...
हे०६४२
हे० २७५
नित्यं सत्त्वमसत्त्वं वा [ प्रमाणवा० ३ | ३५]...
हा०५८०
हे० १८५ निद्दोसं सारवंतं ... [आवश्यकनि०८८५] हे०६२१ निमित्त कारण- हेतुषु सर्वासां नियमत्थि... निययणुकूलो जोगो निययवयणिज्जसच्चा सव्वणया
हा०५३४
[ सन्मति० गा० २८ ]... निर्विशेषं विशेषाणां ग्रहो दर्शनमुच्यते हा०५१६, हे०५१७
...
चू० १४८ हे०२०
निवपुच्छिएण भणिओ...
[विशेषावश्यकभा० ९३४] हा०१२४, हे०१२७ निवबहुमओ पसिद्धो...
हा ०६१, हे०६३
निषीदन्ति स्वरा रइया असुराई
नैगम-सङ्ग्रह-व्यवहार-... [ तत्त्वार्थ ० १ / ३३]
हा०, हे०१३२, हे०१७१ पंचविहे आयारे... ...[कल्पभा० २४३ ] हे०२० पंचाणउई लक्खा,... चू०४७७, हा०४८२, हे०४८६ पज्जायंतरपत्तं,... चू०५२, हा०५४ पढमं नाणं तओ दया [ दशवै० ४ / १०]
हा०६३०, हे०६३८
चू०१८७
पत्तेयमभावाओ निव्वाणं...
[विशेषावश्यकभा० ११६३]
पर: सन्निकर्षः संहिता [ पा० १/४/१०९ ]
परमाणुरप्रदेशः [प्रशम० २०८ ]
१२६
...
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०६४१
परसमओ उभयं वा .....
[विशेषावश्यकभा० ९५३ ] हे०५९३ परिणामो ह्यर्थान्तरगमनं . हा०२८९, हे०२९७ परिमंडले य वट्टे,...[ उत्तराध्यननि०३८] चू०२५१ परियाय०... [ आवश्यकनि० ११२८] हा०१०८, हे०१०९ परिही तिलक्ख सोलस... [ बृहत्क्षेत्र० ६ ] हे०५५७ पाणिदय- रिद्धिसंदरिसणत्थमत्थोवगणहेतुं
...
हा०६१४
हा० १६७, हे०१६८
...
चू०४४५,हा०४४९ पासत्थादी... [आवश्यकनि० ११०८ ] हा०१०८ पित्तं वातं विषं हन्ति
हे० २७१ ०६१९
पिब खाद च...
पुट्ठे सुणेइ सद्दं रूवं... [आवश्यकनि०५] हा०५१६ पुव्वंगे परिमाणं....
...
चू० २४०
हे०३११ | पुव्वगहिएण छंदण ... [आवश्यकनि० ६९७] हे०३९२
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