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लोकप्रकाशे क्षेत्रलोके लोकस्वरूपवर्णनम्
योगशास्त्रवृत्त्याद्यनुसारेण लोकस्वरूपम् । (आ.म.श्रीविजययशोदेवसूरिविहिताद् बृहत्संग्रहण्या गुर्जरानुवादादुद्धृतमत्र)
+TTE
-मृदंगा
मध्यलोक -
+---झल्लरी आकार
HONOR
वे त्रास न आका
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