Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 376
________________ ५५२ ३६७ श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम् मूलशब्दः सूत्राङ्गादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि अजहण्णमणुक्कोसयाई ५०७,५०९ अज्झयणे ५३५,५३६,५३९, अट्ठविहा २६१ ५११,५१३,५१५,५१७,५१९ | ५४१,५४२ अट्टविहे १२२,२२३,४३३,४७७ अजहण्णमणुक्कोसं ३९११] ०-अज्झवसाणे २८ | अट्ठसतं ३३४गा.९७ अजहण्णमणुक्कोसेणं १९५[२-३] 0-अज्झवसिते ०-अट्ठाए ४९२[४]गा.१२२ अजिए २०३[२] अज्झीण० अट्ठारस ३९१[७]] अजीवगुणप्पमाणे ४२८,४२९ अज्झीणे ५३५,५४७,५५०, अट्ठावीसं ३९१४८], ५०८ ४३४ ५५७गा.१२६ |-अढे ३४३[१,५],३६६ अजीवणिस्सिया २६०[४] -अट्टालग ३३६ अटेणं ४०३,४०४ अजीवदव्वा ३९९,४०० अट्ठ १०१,२६०[१०]गा.४६, -अटेणं ४०३,४०४ ०अजीवदव्वा ४००तः ४०२ २६०[१०]गा.४८,३४४ अडड० ३६७ अजीवदव्वे २१६ (२,१९] अट्ठ० ११५तः११७ अडडंग० अजीवनामे २१३,२१५ अट्टआढयसतिए ३१८ अडडंगे २०२[२], ३६७,५३२ अजीवस्स १०,३१,५३ अट्ठकण्णिए ३५८ अडडे २०[२],३६७,५३२ २८३,४७८ | अट्ठकम्मपगडीओ ५३३ अडयालीसं ३४५ अजीवाण १०,३१ अट्ठगुण ३३९गा.९९ | अडयालीसाए २८३,४७८ अट्ठणामे २०८ अडविहुत्ते ४७४ अजीवोदयनिष्फन्ने २३६,२३८ अट्ठण्हं २३५,२४३ अाइजाई ३४७[५] अज्जकालिगाई अट्ठपदपरूवणया १८४ | अड्डाइजाओ ३४७२-३] +अजम २८६गा.८९ अट्ठपयपरूवणया ९८,९९/ अड्डाइजाणं ३६७ अजाए ११५तः११७,१४२,१४३, अणच्चक्खरं अज्झप्पस्स ५४६गा.१२५ १८३,१८४,१९९,२०० अणढे ५२५[३] अज्झयण० ५४१ अट्ठपयपरूवणयाए १००,११७, अणणुसय० । २६२[२]गा.६४ अज्झयणछक्कवग्गो २९गा.२ १४४,१८५ -अणती ५९९गा.१२९ अज्झयणसंखा ४९४ अट्ठभाइया ३२०,५३०[२] अणप्फुण्णा ३९६,३९७ अज्झयणस्स ५२६ / अठ्ठभाइयाए ५३०[२] | अणवगल्लस्स ३६७गा.१०४ अज्झयणं ६,७,७४गा.७ अट्ठभाइयाओ ३२० अणवत्था ४७६ अज्झयणं- ५४६गा.१२५ अट्ठभागपलिओवमं ३९०[१,६] अणहिगया ६०५ -अज्झयणं ७५ अट्ठभातिया ३२० अणहिगयाणं ६०५ अज्झयणाई ६ अट्ठमी २६१गा.६२ अणंतए ४९७, ५०३ अज्झयणाणं ७१ अट्ठमी २६१गा.५८ अणंत० ३६७गा.१०६,४०३ अट्ठविह ३०२गा.९२ ४१३,४१६ ३२८ ३३६अध्पदपकवण २१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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