Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 456
________________ विशेषनाम अच्चुअ अच्चुत अच्चुयकप्प अजिअ अणंतती अणिओगद्दारा ओ त्रविमाण अणुत्तरोववाइय अणुत्तरोववाइयदसाओ अत्ताणुस अत्ताणुसक अपराजित अभिनंदण अर अरिट्ठणेमी अरुणवर अवरविदेह अविरुद्ध असंखयं असुरकुमारी अंगदाओ आणअ आणत आभरण आयार आरण श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य अथ चतुर्थं परिशिष्टम् । (१) अनुयोगद्वारसूत्रान्तर्गतानां विशेषनाम्नां सूचिः सूत्राङ्कादि | विशेषनाम सूत्राङ्कादि | विशेषनाम Jain Education International ३९१[७] | आवस्सगसुयक्खंध १७३, ३५५[३] आवंती ३५५[३०] आवास २०३[२] | आहत्तधिज्जं २०३[२] इंद ७२ ईसा ६०६ | ईसिपब्भारा ७५ उत्तरकुरा १७३ उत्तरड्डभरह ३५५[५] | उप्पल ५० | उवरिमहेट्ठिमगेवेज्ज ३०८ उवासगदसाओ ३०८ उसभ ३९१[९] | एरण्णवअ २०३[२] एरवअ २०३[२] | एरवय २०३[२] | एलइज्ज १६९ कणगसत्तरी ३४४, ४७५ कप्पासिय २१ कप्पिंद २६६ करिसावण ३८४ काउस्सग्ग ५० कालोय ३९१[७] |काविल १७३,३५५[३] | किन्नर १६९ किंपुर ५०, ४६९ | कुरु ३९१[७],१७३,३५५ [३] कुसवर ७१ कुंडल २६६ कुंथु १७३,३५५[२],३९१[३] खंद १७४ खीर ४७५ खोय ४७५ गंगा १६९ गंधे १६९ कूड २६६ कोट्टकिरिया २१ कोंचवर ३९१ (८) गंध ५० गिरिणगर २०३[२] | गिहिधम्म ४७५ गेवेज्जग - ०य ४७५ गेवेज्जविमाण गोतम २६६ गोव्वतिय ४९ घय ४९ घोडमुह १६९ | चउवीसत्थअ ३०१,४५० चम्मखंडिय ७४ चरग १६९ चंद ४९ चंद ६२ चाउरंगिज्जं ६२ चीरिग १६९ चीरिय १६९ जक्ख For Private & Personal Use Only १०२ सूत्राङ्कादि १६९ २०३[२] १६९ २१ १६९ २१ १६९ १६९ ४ २६६ १६९ ३०७ २१ ३५५[४] १७३ २१ २१ १६९ ४९ ७४ २१ २१,२७ १६९ २०३[२] २६६ २१ २७ २१,१६९ www.jainelibrary.org

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