Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
________________
१०१
श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम्
२७
मूलशब्दः सूत्राङ्कादि मूलशब्दः हेट्ठिमउवरिमगेवेज० ३९५८] हेट्ठिमउवरिमगेवेज्जए । २१६[१७]| हेट्ठिमगेवेज्जए २१६[१७]] हेट्टिममज्झिमगेवेजए २१६[१७] हेट्ठिममज्झिमगेवेजविमाणेसु
३९१५८] हेट्ठिमहेट्ठिम०
३९१४८] हेट्टिमहेट्ठिमगेवेज्जए २१६[१७] | हेट्ठिमहेट्ठिमगेवेजविमाणेसु
३९१४८] होज्जा हेडिल्ले
३६६
२७७,४७५ हेमवय०
३४४ हेमंतए
२७८ ०हेरण्णवयवासाणं ३४४ होज्जा होइ
१११४२], २६२[१]गा.६३, २६२[२]गा.६४, होती २६२[४]गा.६८, २६२[७] गा.७४, होती
सूत्राङ्कादि मूलशब्दः सूत्राङ्कादि २८५गा.८७,
२६२[८]गा.७६, ३५१[५]गा.१०१,
४८८तः४९०, ५०७,५०८,
५१०तः५१५, ५१०,५१२तः५१४,
५१७त:५१९ ५१६तः५१९, होम ५९९गा.१२७, होमो २६२[६]गा.७३ ५९९गा.१२८- | होहिहा ४९२[४]गा.१२१
१३०-१३२, होही ४९२[४]गा.१२२,५०८ ६०६गा.१३९ होति
११०[१],१२७, १२,३३,५५,
१५४,१९५१-३], १०८[१-२],
१९६[१], ११२१-२], | २२६गा.१९,२६०[१०] ११३[१],१२५, होति
गा.४७-४८, १२९,१३०,
२६०[१०]गा.५३, १५२[१-२],
२८५गा.८८, १५६,१५७,
३३४गा.९७ १९३,१९७,४८० | व्ही:
२११ ११४१,३],१२८, १५५,१९६[२],
२६१गा.५७,
हेमवए
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560