Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 457
________________ १०३ विशेषनाम जण्णइज्ज जमईयं जयंत जंबुद्दीव जोइसी जोतिसिय ठाण २६६ णदी णमी णागकुमार तगरा तगरायड ३०७ तमतमप्पभा तमपुढवि तमप्पभा तरंगवतितरंगवतिकार तिलय थणितकुमार थणियकुमार दह दाहिणभरह दिद्विवाअ श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य चतुर्थं परिशिष्टम् (१) सूत्राङ्कादि विशेषनाम सूत्राङ्कादि | विशेषनाम सूत्राङ्कादि २६६ नंदी १६९ भारह २६,४९,४६८ २६६ | नाग २१ भिच्छंडग २१ ३९४९] नाग १६९ भुयगवर १६९ १६९,४७५ नागकुमार ३८४[२] भूय २१ ३९० | नागकुमारी ३८४[२] भूय १६९ ३५४,३९० नागसुहुम ४९ भूअ १७० नाडग ४९ मग्गो १६९ |नायाधम्मकहाओ - ५० मज्झिमहेट्टिमगेवेज ३९११८] २०३[२] निहि १६९ मलयवति ३०८ ३८४[३] |पउम १६९ मलयवतिकार ३०८ |पउमप्पभ २०३[२] मल्ली २०३[२] ३०७ पच्चक्खाण ७४ महावीर ३५८ १६५ पडिक्कमण ७४ | महासुक्क १७३,३५५[३],३९१[७] ३८३[४] पण्हावागरणाई ५० महोरग ६२ १६५ पंडरंग २१ मंदर १६९ ३०८ पाडलिपुत्त ४७५ माढर ४९ ३०८ | पाणअ ३९१[७] | माहिंद १७३,३५५[३],३९१[५] १६९ | पाणत ... १७३,३५५[३] मुगुंद ३४८[२] | पास २०३[२] | मुणिसुव्वअ २०३[२] ३८४[३] पुक्खर १६९ रम्मगवस्स १६९ पुक्खरसंवट्टय ३४३[३] | रम्मगवास ३४४ ४७५ पुरिसइज्जं २६६ रम्मयवास ३४४ ५०,४६९ पुव्वविदेह ३४४,४७५ | रयण १६९ बंभलोअ १७३,३९१४६] | रयणप्पभा १६५,३४७[२],३८३[२] ४७५ बंभलोग ३५५[३] रामायण २६,४९,४६८ २०३[२] | बिंदुकार ३०८ | रुद्द २१ २१ बुद्धवयण ४९ | रुयग १६९ २६६ बेन्ना ३०७ | लवण १६९ १६९ | बेन्नायड ३०७ | लंतअ १७३,३५५[३],३९१[७] ३८३[४] | भरह ३४४,४७५ लोयायय १६९ | भारय ४९ वइसेसिय २१ ४७५ देव देवकुरा धम्मचिंतग धम्मो धायइ धूमपभा नक्खत्त Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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