Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
________________
४७६
६९
श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम् मूलशब्दः सूत्राद्वादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः
सूत्राद्वादि पडिचंदया २४९ पडेण
२७५ ४२३,[१-३],४२५[२], पडिपक्खपदेणं २६३,२६७ पडो
२१५,४४४ पण्णत्ता ४२६[२],४७५,४८७, पडिपुच्छा २०६[२]गा.१६ | पढम ४१८[२],४१९२], ४९२[१],४९३तः४९५, पडिपुण्णघोसं १४,६०५
४२२[२],४२३[१]/ ५२१,५८०,५८२,५८४,५८८, पडिपुण्णं १४,४७६,६०५ | पढम
५९०तः५९२,६०६ पडिपुण्णो ५११,५१३,५१५, ०पढमवग्गमूलस्स ४१९२] पण्णत्ताओ २६०[७],२६०[८], ५१७,५१९ पढमा २६१गा.५७,
२६०[९] •पडिबुद्धं २६२[८]गा.७७
२६१गा.५९,५०८ पण्णत्ते
१९,५२,५६,५८, ०पडिभागेणं ४२१[१] पणगजीवस्स ३७४,३८१,३९६ | ६१तः६४,६९,७६,७८,७९, पडिमाणप्पमाण ३२९ पणपण्णं
३९१[१,३] ८७,८९,९२,१०५,१४९, पडिमाणप्पमाणेणं ३२९ पणमिय २६२८],गा.७७ १९०,२०८,२१०तः२१६[१], पडिमाणे ३१६,३२८,३२९ पणीतं
५० २१७तः२२५,२२७,२३२, पडिमिणिज्जइ ३२८ पणीयं
२३३,२३४,२३६तः२३९, पडिवत्ती ७३गा.६,५२६गा.१२३ पणुवीसतिविहो
२४१,२४२,२४८,२४९, पडिवाई
४७२ पणुवीसं ३९११८],३४७[५] | २६३,२७२,२७३,२७९, पडिसूरया
२४९ / पण्णत्तं १,९,१३,१६,२३, | २९२,३१४,३१७,३३७,३३९, पडिसोयं
३४३[४] २५,३०,३४,३६,४०,४३, | ३४०,३५६,३५८,३६१,३६३, पडी
२७५ ४४,४६,३१३,४४२,४४८ ३६६,३६८तः३७०,३७७, पडुक्खेवं २६०[१०]गा.४९ / पण्णत्ता ९३,९८,११५,१३१, ३९२,४२७तः४४०,४५८,
३,४,५, १३९,१४२,१६०,१६४,१६८, ४५९,४६३,४६७,४७०, १०८[१-२,१०९[१-२], १७२,१७६,१८०,१८२,१८३, ४७१तः४७३,४७५,४७७,
११०[१],१११४१-३], १९९,२०१[१],२०२[१], ४९८त:५०६,५०८,५२७, १५२[१-२],१५३[१],१५४, २०३[१],२०४[१],२०५[१], ५२९,५३०१-२],५३१, १५५,१९३,१९५[१-३], २०६[१],२०७[१],२६०[१], ५३३तः५३५,५३६,५३८,
१९६१-३] ३४७[३-४], ३४८[१], ५४०,५४४,५४७,५४९, पडुप्पण्णकालगहणं ४५०,४५२, ३५५[१],३७६,३८३[१], ५५१,५५५,५५८,५६०,
४५४,४५६ ३८९,३९१[९],३९९तः४०२, ५६२,५६५तः५६७,५७०, ०पडुप्पण्णं ४१८/२],४२३[१], ४०५,४०७,४०८[१],४१३, ५७१,५७५,५७७तः५७९, ४२६२]
४१४,४१६,४१७, ५९३,५९७,६०१,६०२ ०पडुप्पण्णो
४२३[१] ४१८[१-३],४१९[२-३], पण्णरस ३४७४२-३],३६७ पडुप्पन्न
४२०[४],४२१[१],४२२[१], पण्णरसगच्छगयाए १७५
पडुच्च
५०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560