Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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२७०
श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम्
- ७४ मूलशब्दः सूत्राङ्गादि मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः सूत्राकादि पायसाहम्मे ४५९,४६१ | पाहुडियासंखा ४९५
३८५[१-२] पायसो ४६५ / पि १९८,२१६[१३-१४], पुढवि
३८३४२-४] पाया ३३५,३५९ २८६,३८५[२],४७४, पुढविकाइए
२/ 50
२१६[६],२३७ पायाला
२४९ / ६०६गा.१३६,६०६गा.१४१ पुढविकाइयाणं ३४९[१], पायालाणं ३६० | पिउपियामहस्स
४२०[१-४] पारिणामिए
११३[१] पिओ ५९९गा.१३०/०पुढविकाइयाणं ३८५[१] पारिणामिए २०७[२],२३३, | पिटुंतरोरुपरिणते ३६६ पुढवीकाइया
४०४ २५०,२५३,२५५, पिट्टि
३६६ पुढवीकाइयाणं ३८५[१], २५७,२५९ पिति
२८६गा.८९
४०८[१],४०९ पारिणामिए २४८तः२५० | पिय० २६२[९]गा.७८ पुढवीणं ३४७[४],३६० पारिणामियनिप्पण्णे २५२ | पियती २६०[५]गा.३५ पुण ३,४,५,७४गा.७, पारिणामियनिप्पन्ने २५२तः२५९ | पियं
५९९गा.१२९/ २२६गा.१८,२६०[४]गा.३०, •पारिणामियाणं २५१ पिलुयए
२९१
२६०[११]गा.५४, पावइ ५०७तः५०९, पिसाए
२१६[१४]
२६०[११]गा.५५, ५११,५१५ | पिंगला २६०[११]गा.५५
२६१गा.५९,२६१ पावकारिणो २६०[५]गा.३८ | पिंछेणं
४४६
गा.६२,३३४गा.९७, पावति ५१३,५१७/ +पिंड
७२गा.५
४४१गा.११५,४७१ पावमणो ५९९गा.१३२ पिंडत्थो
७४गा.७ पुणव्वसू २८५गा.८६ पास
३६६ पिंडियत्थं ६०६गा.१३७ | पुण्णं . २६०[१०]गा.४८ पासंड० २८४गा.८५ पीलुं
२२६गा.२३ पुण्णाणि
४५१ पासंडत्था
२१,२७/ पीवर० २६२[१०]गा.८१ पुत्तय ! २६२[९]गा.७९ पासंडनामे २८८ पुक्खरणि
३३६ पुत्तं
४४१गा.११५ पासाद ३३६ पुक्खरा
२९८ पुत्ता
२६०[५]गा.३२ पासित्ता १७,४५१तः४५३, ०पुक्खरे १६९गा.११ पुन्नागवणे
२६८ ४५५तः४५७,४७४ पुक्खलसंवट्टयस्स ३४३[३]
२०,२१ पासुत्त० २६२[८]गा.७७/ पुच्छणाए १४,४८२ पुष्पं
४४५ २०३[२-३] पुच्छा १०९[२],१५२[२], पुरवरकवाडवच्छा ४९४२] पासेत्ता
४७४ १९३,१९६[३],१९७,
गा.११९ पाहण्णयाए २६३,२६८ ३४७[५],३५०[१-३], पुरवरेहिं
४९२२] पाहुडपाहुडियासंखा ३५१४१-३],३५२[३], पुरा
२९८ पाहुडसंखा
४९५
३५५[३],३८३[४], पुराणं
पासे
४९५
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