Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
________________
श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम्
२५
०ललियं लवणं
लसति
२८१
मूलशब्दः
सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि मूलशब्दः सूत्राङ्कादि लता २१२ लिंगेण ४४१गा.११५
१२६,१५३[१] लत्तए
२६७/
| लिंगो २६२[३]गा.६६, लोगा ३६१,४१३,४१६,५०८ लद्धी २४१,२४७
२६२[५]गा.७०, लोगुत्तरिए ४६७,४६९,५६५, लम्बते
३१२ २६२[६]गा.७२,
५७१,५७४ लयसमं २६०[१०]गा.५०
२६२[८]गा.७६, लोगुत्तरियं २६२[३]गा.६७ २६२[९]गा.७८ लोगे
४७२,४७५ ४४५ | लीला २६२[३]गा.६६ लोगो
३१६ लवणे
१६९गा.११ लुक्खफासगुणप्पमाणे ४३३ | लोगोत्तरियं २२,२८,५० लवाणं ३६७गा.१०५ लुक्खफासणामे २२३ लोडने
३११ लवे २०२[२], लुक्खा
२२५ / लोभज्झवणा
५९१ ३६७गा.१०५,५३२
३३६ लोभाए
५७९ ३१२ लेप्पकम्मे
११,४७९ लोभी लहइ २६०[५]गा.३२ लेप्पकारे
३०४ लोभे
५३३, लहुय २२५ ०लेसे
२३७|
५३३ गा.१२४ लहुयफासणामे २२३ | लोइए १९,२०, ०लोभे
२४१,२४४ लंखाणं ५६५तः५७०,१९,२० लोभेणं
२८१ लंघण
३६६ लोइय० २६२[६]गा.७३ | लोयाययं लंछणेण ४४१ लोइयं २०,२५,२६,४८,४९ लोवेणं
२२७,२२९ १७३,३९१[७] लोउत्तरिए
१९ लोहकडाह
३३६ ०लंतएसु ३५५[३] लोउत्तरियं
४८ लोहकसायी
२३७ लंतयए २१६[१६] लोए १५२[१],१९३ | लोहिय०
२२५ लाउए २६७
२५०,५३१, लोहियवण्णनामे २२० लाघवत्थं
६०० ०लोए १०८[१-२],१२५, लोही लाभालद्धी] २४७
१५२[१-२] व २६१गा.५९,२६१गा.६१, ०लाभंतराए २४४ +लोग ३३२गा.९५
२६२[४]गा.६८, लासगाणं ८० | लोगस्स १०८[१-२],
२६२[१०]गा.८२, लिक्खा ३३९गा.९९,३४४
१०९[१],१२५,१२६
३४३[५]गा.१००, लिक्खाओ ३४४ लोगस्स १५२[१],
५९९गा.१३० लिप्सयोः३११ १५३[१],१९३ वइज्जा
४७४ लिहियं ३९,५४२,५९६ लोगं . १५३[१] ०वइरित्तस्स लिहिया ६०६गा.१४३ ०लोगं १०९[१-२], ०वइरित्ता
४८७
८०
४९
लंतए
३३६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560