Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

Previous | Next

Page 435
________________ श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम् सूत्रा मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि मूलशब्दः सूत्राङ्कादि महिया २४९ मंडिते ८४ मालवए २७७ महिलं ४४६ मंडिय० २६२[८]गा.७७ | माला २१२,२२६गा.२२,३१२ महिलियं २७१गा.८४, मंदर १६९गा.१४ माले २३० ४४६गा.११६ मंदरो ४६० मासा ३६७ महिषः ३१२ मा ४७६ | ०मासा ३६५गा.१०३ महिष:२९५ माउलुंगा ३९७ मासे २०२[२],५३२ महिसं ४४६ मागहए २७७ मासो ३६७ महिसीहिं २७४ मागहाणं ८० माहणे ३०५ महिसो २९९ माडंबिए ३०९ माहिति ५०८ महुकुंभे १७,१८,६०, माडंबिय २० माहिसिए २७४ ५४१,५४२,५८६ माढरं ४९ माहिंदए २१६[१६] महुर० ४३२ माण ३१७,३३४ | माहिंद ४५३ महुररसगुणप्पमाणे ४३२ माम-० ३३४गा.९६, माहिंदे १७३,३५५[३] महुररसणामे २२२ ५९९गा.१३२| ३९१५] महुरं २६०[१०]गा.४८, माणजुत्ते ३३४ मिओ ४७४ २६०[११]गा.५४, | माणज्झवणा ५९१ +मिगसिर २८५गा.८६ २६०[११]गा.५५, माणाए ५७९ मिगो २९७ २६२[३]गा.६७,२६७ | माणी ३२० मिगो २९७ महुरं- २६०[१०]गा.५१ माणी २८१ | मिच्छदिट्ठीहिं ४९ ०महुरा २२५ माणीए ५३०[२] मिच्छा[कारो] २०६[२]गा.१६ महुराणि २९८ माणे ३१६,३१७,३२१ | मिच्छादसणलद्धी २४७ २२६गा.२३ ५३३,५३३गा.१२४ मिच्छादसणं- ५२५[३] महोरगखंधे ६२ | माणेणं २८१ मिच्छादिट्ठी २३७ महोरगे २१६[१४] माणेहिं ६०६गा.१३६ मिच्छादिठ्ठीएहिं ४६८ मह्याम् ३१२ माता ३९७,४४१गा.११५ मिज्जसमारूढो ४४७ मंखाणं ८० मातिवाहए २६५ मिजं ३२४गा.९४,४७४ मंगी २६०[७]गा.३९ माते ५०८ मिणइ ६०६गा.१३६ मंचए ५०८ मायज्झवणा ५९१ मितं १४,५३९,५५०,५८३ ५०८ माया ३९७,५३३,५३३गा.१२४ | मित्ता २६०[५]गा.३२ मंडण २६२[३]गा.६६ मायाए २८१,५७९ मित्तो २८६गा.९० मंडलओ २८१ मिप्पिंडकारणं ४४४ ३२८ मायी Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560