Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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मूलशब्दः इमो
इमौ
इय
याणि
इव
- इव
इसि०
+ इस्सरिय
- इह
इहं
इं
इंकारतं
इंदगो
इंदगी
इंद
इंदस्स
इंद
कारता
ईकारंतो
- ईसर
ईसरियनामे
ईसा
सभा
उ
श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम्
सूत्राङ्कादि मूलशब्दः
२६०[५] गा. ३६, उक्कोसेणं
सूत्राङ्कादि मूलशब्दः
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२६१गा. ५९, २९६ उ
२३० | २६०[५]गा. ३७, २६०[९]गा.४१,
२६०[९]गा.४२, २६० [१०]गा. ५३, २६१गा.६२,२६७[७],गा. ७५, ३३४गा. ९७, ३७४गा. १०८
२६२[५]गा. ७१
४९१,५२५ [१]
२२,६०६गा. १४३
इंदियपच्चक्खे
इंदियाई २५३, २५५, २५७, २५९
इंदो
२८६गा. ९०
ई
२२६गा.१९ उक्कोसए कुंभे
२२६गा. २२ उक्कोसयस्स
४६२,४६६,५९५
२६० [१०] गा. ५३ उऊ ३०२गा. ९२ उक्कालियस्स
२६२ [४]गा. ६९ | उक्कावाया
६०० + उक्कित्तण
२२६गा. २०
२२६गा. २३ | उक्कित्तणाणुपुव्वी २६५ उक्किरमाणं
२८६गा. ८९ उक्किरसि
२४९ उक्किरामि
२१ उक्कुरुडए २६५ उक्कोस०
४३७,४३८ उक्कोसए
२२६गा. २१ | उक्कोसयं
२० उक्कोसेण
२३१
२९गा. ३,२०६[२]गा. १६,
३६७,५३२ |उक्को० [से]
४,५
२४९
७३गा. ६, ५२६गा. १२३|०-उग्गतेण ९३,२०३ [१,४] उग्गे
४७४ | ०- उग्घाओ
४२३[१]
सूत्राङ्कादि ३८३ [-१४], ३८४[१-२],३८५[१-३], ३८६[१-३],३८७[१-३], ३८८[१-३],३८९,३९०[२-५],
३९१[१-९],३९६,४१५,
४७४ उच्चत्त४७४ |उच्चत्तं
२९० उच्चत्तेणं
४२३[३],४८८ तः ४९० ३५१[४], ३५२[२],३८५[४-५], ३८७[१,३-४],३८८[२], ३९०[२-६],३९१[३,५,७,८]
४९८,५००,५०१, ० उच्चागोए ५०२,५०४, ५०५,५०९,५११, उच्चारिते
५१३,५१५,५१७,५१९ उच्चारेयव्वं
३१८ उच्छु ५०८ उजुसुओ
१७३, २४९
३५५[२],३९१[३] १७३,१७४,२४९ | ३४८[१],३४९[२],३५० [१-३],
५०७तः५१८ |उजुसुयस्स ३४९[१], उज्जाणं
३०९
३५१[२],३८५[२] | उज्जुसुए २१६[१६] | उक्कोसेणं ११० [१],१११[१-३], उज्जुसुओ १५४,१५५,१९५[१],
१९६[१-३],३४७[१६], उज्जुसुयस्स
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३२
३५१[१-३],३५२[१-३], उज्जुसुयं ३५५[१-५],३७२,३७४, उज्झियए
६०५
२८७
२४९
३६०
३५१[५]गा. १०१
३७२, ३७४, ३७९, ३८१,३९४,३९६
२४४
६०५
६०५
२६८
• ४९१
४७४
२०
६०६
४७६,५२५[२], ६०६गा. १३८
१५[४],५७[४],
४७५,४८३[४]
४७६
२९०
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