Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
________________
२४१
श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम्
३४ मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि उरेण ३६०[२]गा.२६ | उवदंसिज्जति ५२२,५२३ | उवसमिया
२४१ उलूकः ३१२ | उवदंसियं १७,३७,४८५,५४१ उवसमे
२३९,२४० उल्लावो ४९२[४]गा.१२२ | उवदेसणे २६१गा.५७ | उवसमेणं
२४० ०-उल्ले
३४३[३] | उवदेसे ५१गा.४,२६१गा.५९ उवसंत० २४१,२६२[१०]गा.८१ ०-उवइटेणं १८,३८ उवभोगालद्धी] २४७ | उवसंतकसायछउमत्थवीतरागे २४१ उवउत्ते २४,४४७,७०,८८, | ०-उवभोगतराए २४४ | उवसंतकोहे
२४१ ५४५,५५६,५७६,५८९,५९८ उवमा ४९२[४]गा.१२२ उवसंतचरित्तमोहणिजे २४१ ०-उवउत्ते
२८. उवमिजइ ४९२[१-३] | उवसंतदसणमोहणिज्जे २४१ उवएसो ६०६गा.१४० | उवमिज्जति ४९२[४-५] | उवसंतदोसे
२४१ -उवक्कमणं ८६ | उवमिजति ४९२४२-३] उवसंतपेजे
२४१ उवक्कमे ७५,७६,८०,८१, -उवयार २६२[६]गा.७२ | उवसंतमोहणिजे २४१ ८२,९२,५३३ ०-उवरागा
२४९ उवसंतलोभे ०-उवक्कमे ७८,७९, उवरिमउवरिमगेवेज० ३९१८] | उवसंता २५३,२५५,२५७,२५९
८२ तः ९० | उवरिमउवरिमगेवेज्जए २१६[१७] उवसंपया २०६[२]गा.१६, उवक्कामिति ८५ उवरिमगेवेजए २१६[१७]
२०६[३]] ०-उवगए ३६६ | उवरिममज्झिमगेवेज० ३९१५८] | उवासगदसाओ
५० ०-उवगयं
६०५ | उवरिममज्झिमगेवेजए २१६[१७] / उवासगदसाधिरे] २४७ उवघातनिजुत्तिअणुगमे ६०२, उवरिमहेट्ठिमगेवेज० ३९१४८] उवेति
४९७ ६०४ | उवरिमहेट्ठिमगेवेजए २१६[१७] -उवेंति
३३४गा.९८ उवचिए ६८ उवरिल्लम्मि ___ ३६६ | उव्विद्धा
३३४गा.९७ उवचियाणं ५४६ गा.१२५ | उवरिल्ले
३६६/-उव्वेह
३६० उवट्ठति २२ उवरिं
४२३[१] | उसभखंधे उवणिहिया ९५,९६ | -उवलब्भइ २६०[१०]गा.५२ उसभे
२०३२-३] ०-उवणीए ४५९,४६२,४६३, उवलेवण
२१ | उसिण
२२५ ४६६ उववेया
३३४गा.९६ उसिणफासणामे ०-उवणीते ४५८ | उवसम० २५२ | उस्सण्हसण्हिया
३४४ उवणीयं २६०[१०] गा.५१ उवसमनिप्फण्णे २३९,२४१, उस्सण्हसण्हियाओ ०-उवदंसणया ९८,१०२,१०३,
२५२,२५३ | उस्सप्पिणि० ४१४,४१६, ११५,११९,१२०,१४२,१४६, उवसमिए ११३[१],२०७[२], ४१९[२],४२२[२],४२३[१], १४७,१८३,१८७,१८८,१९९ / २३३,२३९,२४१,२५२ तः २५९
४२४[२],४२६[२] उवदंसिजइ ५२४ उवसमिय
२५१ उस्सप्पिणी २०२[२]
२२३
३४४
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org |
Page Navigation
1 ... 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560