Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
________________
२७
श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य तृतीयं परिशिष्टम्
२१ ३६६
अश्वः
मूलशब्दः सूत्रातादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि | मूलशब्दः सूत्राङ्कादि -अविरहितं ६०४गा.१३४ असंखेज्जइभाग ३४७[२,६] असंखेजसमयट्टितीयाओ १८४ अविरुद्ध
____३४८[१],३४९[२], | असंखेनं ११०[१],१५४,१५५, अविसंघातिए
- ३५०[१-३],३५१४१-२], १९५[१],१९६[२-३] अविसुद्धो ४७४,४७५ ____३५२[१],३५५[१],३८७[४] असंखेजा ३६१,४०४, अविसेसिए २१६ [१-१९] असंखेज्जइभागे १५२[१] |
४१३,४७५ अविसेसिय० २१६[१३तः१८] | असंखेजइभागो ४१४,४१८[२], असंखेजा ४०३,४०४,४१३, अविसेसिये २१६[१४]
४१९[२],४२१[१], | ४१४,४१८[२],४१९[२], अविहिंसा २६२[७]गा.७४
४२२[२],४२४[२]/ ४२०[३],४२१[१],४२२[२], अवेयणे
२४४ असंखेज्जए २४४ | असखज्जए
४९७,४९९| ४२३[१],४२४[२],४२६[२] अव्वईभावे २९४गा.९१,३०० असंखेजएणं
३६१ असंखेजाइं १०७[१],१२४, अव्वाइद्धक्खरं
१४ | असंखेज्जगच्छगयाए १७१, १५१,१९२,३७४,३८१, अश्वमहिषम् २९५ १७९,२०१[४]
३९६,४२१[१] २३२,२९५ असंखेज्जगुणा ३७४,३८१,३९६ असंखेजाओ ३६१,४१४, असति
२६५ असंखेजगुणाई ११४[१-३], ४१८[२],४१९[२],४२१[१], असतीओ - ३१८ १५८[१-३]|
४२४[२],४२६[२] असब्भावठवणाए ११,४७९ असंखेजगुणे ३३८,३५७,३६२ असंखेज्जाणं
३६७ असब्भावे
५२५[३] असंखेजतिभाग० ३७४,३८१ असंखेज्जासंखेज्जए ४९९,५०२ असंखइमा १६९गा.१२ असंखेजतिभागं १५३[१], असंखेजासंखेजयं ५१२तः ५१५ ०-असंखभागो ३८७[५]गा.११२, ३४७[१,३-५],३४९[१],३५० असंखेजाहिं ४१३,४१४, असंखयं
२६६] [१-३],३५१[२], ३५५[४-५] | ४१८[२],४१९[२],४२१[१] असंखिज्जपएसिए १३६,१३७ | असंखेजतिभागे १२५,१२९,
४२२[२],४२३[१], असंखिज्जपएसिया ११६
१५२[२]
४२४[२],४२६[२] असंखिजपएसोगाढा १४३ असंखेजतिभागो ४१९[२] असंखेजे १०९[१-२], असंखेज० ३६४ असंखेजपएसिए
१२६,१५३[१] असखेज्जइ० १०८[१-२], असंखेजपएसोगाढे १४३,११७, | असंखेजेसु १०८[१-२]. १०९१-२],११२४१-२],
१७८ ११२[१-२],१२५,१२९, ३९६,४२१४१],४२२२२], असंखेजपदेसिए ।
१५२[१-२],१९३ ४२४[२],४२६[२] असंखेज्जपदेसोगाढे _३३१ असंतएणं ४९२[१,३,५] असंखेज्जइभाग० ३९६,४२०[३], असंखेजसमयट्ठिईए ३६४ असंतएहिं ४९२[२-३] ४२१[१] | असंखेजसमयट्टितीए १८४, | असंतयं ४९२[१,४,५] २०१[२-३] असंलप्पा
५०८
3
९९
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560