Book Title: Agam 45 Chulika 02 Anuyogdwar Sutra Part 02
Author(s): Aryarakshit, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
________________
श्री अनुयोगद्वारसूत्रस्य द्वितीयविभागस्य
___ अथ तृतीयं परिशिष्टम्
अनुयोगद्वारसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दानामकारादिक्रमः [ शब्दादौ ० ईदृक् चिह्न सामासिकपदान्त्यशब्दसूचकम्, शब्दान्ते ० ईदृक् चिह्न सामासिकपदाद्यशब्दसूचकम्, शब्दादौ + एतादृक् चिह्न लुप्तविभक्तिपदसूचकम्, शब्दस्यादौ अन्ते आद्यन्तयोश्चएतादृक् चिह्न पृथक्कृतस्वरसन्धिसूचकम् । ०-, -०, +-, एतानि चिह्नानि तत्तत्सङ्केतद्वयलक्षणसूचकानि । अव्ययव्यतिरिक्ता विभक्तिरहिताश्च शेषशब्दाः सामासिकवाक्यमध्यगता ज्ञेयाः । ] मूलशब्दः सूत्राङ्कादि मूलशब्दः सूत्राङ्कादि मूलशब्दः सूत्राङ्कादि अउए २०२[२],३६७, ५३२ -अग्ग ३६६,३७४,३७९, | ०-अग्गेहिं
३९७ अउयंगे २०२[२],३६७,५३२|
३८१,३९४,३९६ अग्नी
२३० अकरेमाणे २८ | अग्गजीहाए २६०[२]गा.२६ अग्रं
२३१ अकसिणखंधे ६५,६७ अग्गयं ३३९गा.९९ अचक्खुदंसणगुणप्पमाणे
४७१ अकिरिया ५२५[३]]-अग्गहत्थे
३६६ अचक्खुदंसणलद्धी २४७ अकुलिया
२६५०-अम्गं ३७४,३७९,३८१
४७१ अकुंतो
२६५/०-अग्गा ३७४,३७९ ०अचक्खुदंसणावरणे २४४ +अक्ख ३२४गा.९३ अग्गि०
२८६ अचक्खुदंसणिस्स ४७१ अक्ख० ३३५ अग्गि
२८६गा.८९ | अचित्तदव्वखंधे अक्खर० ६०६गा.१४३ अग्गिए
२८६ | अचित्तदव्वोवक्कमे अक्खरसमं २६०[१०]गा.५० अग्गिाकुमारे] २१६[१३] | अचित्ते ६१,७८,२७३,२७५, अक्खरसंखा ४९४ अग्गिदासे
२८६
५६६,५६८,५७० ०-अक्खरं १४ | अग्गिदिण्णे
२८६
५७२,५७३ ०-अक्खरिए २१०,२१२ अग्गिदेवे
१७३,२४९ अक्खलियं अग्गिधम्मे
३९१[७] अक्खे ११,४७९ अग्गिम०
६४ अच्चुतए
२१६[१६] अक्खे
अग्गिरक्खिए
२८६ ०अच्चुतेसु ३५५[३]] अक्खेण ३२४ अग्गिसम्मे
२८६ अच्चुयकप्पो ३५५[३] अखलियं ६०५ अग्गिसेणे
| अच्छिण्णे
३६६ अगड. ३३६ | अग्गिं
४४७/०-अच्छियं
२६२[९]गा.७९ अगणिकायस्स ३४३[२] अग्गी २६७,३७२,३७४,३७९ अच्छिं
२२६गा.२३ अगलु
३२३ ३८१,३९४,३९६ | अजह
४९८, अगिव्हियव्वम्मि ६०६गा.१४००-अग्गे ३७४,३८१,३९६
५०० तः ५०२, अगोए २४४ अग्गेयं
४५७
५०४ तः ५०६
२८६ | अच्चुए
१४
३४५
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560