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२२. जंबुद्दीवे दीवे एगं जोयरणसय-
सहस्सं पायामविक्खंभेरणं पण्यते ।
२२. जम्बुद्वीप-द्वीप एक शत-सहस्र एक
लाख योजन आयाम-विष्कम्भक/ विस्तृत प्रज्ञप्त है।
२३. अप्पइद्वारणे नरए एगं जोयरण-
सयसहस्सं पायामविक्खंभेरणं पण्णत्ते ।
२३. अप्रतिष्ठान नरक एक शत-सहस्र/
एक लाख योजन आयाम-विष्कम्भक/ विस्तृत प्रज्ञप्त है।
२४. पालए जाणविमारणे एगं जोयरण-
सयसहस्सं पायामविक्खंभेणं पण्णत्ते।
२४. पालक-यान विमान एक शत-सहस्र/
एक लाख योजन आयाम-विष्कम्भक/ विस्तृत प्रज्ञप्त है।
२५. सव्वट्ठसिद्धे महाविमाणे एगं
जोयरणसयसहस्सं पायामविक्खंभेणं पण्णत्ते।
२५. सर्वार्थसिद्ध महाविमान एक शत
सहस्र एक लाख योजन आयामविष्कम्भक/विस्तृत प्रजप्त है ।
२६. अदानक्खत्ते एगतारे पण्णते।
२६. आर्द्रा नक्षत्र का एक तारा प्रज्ञप्त है ।
२७. चित्तानक्खत्ते एगतारे पण्णते।
२७. चित्रा नक्षत्र का एक तारा प्रज्ञप्त है।
२८. सातिनक्खत्ते एगतारे पण्णत्ते ।
२८. स्वाति नक्षत्र का एक तारा प्रज्ञप्त है ।
२६. इमीसे णं रयरणप्पहाए पुढवीए
प्रत्गइयारणं नेरइयाणं एर्ग पलिपोवमं ठिई पण्णत्ता।
२६. इस रत्नप्रभा पृथ्वी पर कुछेक
नैरयिकों की एक पल्योपम स्थिति प्रज्ञप्त है।
३०. इमोसे गं रयणप्पहाए पुढवीए
नेरइयारणं उक्कोसेरणं एगं सागरोवमं ठिई पण्णत्ता।
३०. इस रत्नप्रभा पृथ्वी पर कुछेक
नैरयिकों की उत्कृष्टतः एक सागरोपम स्थिति प्रजप्त है।
३१. दोच्चाए णं पुढवीए नेरइयारणं
जहण्णणं एगं पलिनोवमं ठिई पण्णत्ता।
३१. दूसरी [ शर्कराप्रभा] पृथ्वी पर
नैरयिकों की जघन्यत:/न्यूनतः एक सागरोपम स्थिति प्रजप्त है।
समवाय-सुत्तं
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समवाय-१