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इगसहिमागे मुहुत्तस्स दिवसखेत्तस्स निवुड्ढेत्ता रयणिखेत्तस्स अभिनिवुड्ढेत्ता सूरिए चार चरई।
मुहुर्त के इकसठ्ठवें अठासी भाग ( मुहूर्त) प्रमाण दिवस-क्षेत्र का परिह्रास कर एवं रजनी-क्षेत्र को अभिवधित कर संचरण करता है ।
८. दक्खिरणकट्ठामो णं सूरिए दोच्चं
छम्मासं अयमीरणे चोयालीसतिममंडलगते अट्ठासीई इगसद्धिभागे मुहुत्तस्स रयणिखेतस्स निवइढेता दिवसखेतस्स अभिनिवड्ढेत्ता णं मूरिए चार चरइ।
८. दक्षिण से उत्तर की ओर गति करते हुए दूसरे छह माह में सूर्य चवालीसवें मण्डल मे पहुंचने पर मुहुर्त के इकसठ्ठवें अठासी भाग (55 मुहूर्त) प्रमाण रजनी-क्षेत्र का परिह्रास कर एवं दिवस-क्षेत्र को अभिवधित कर संचरण करता है ।
समावय-सुत्तं
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समवाय-८८