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अनंता हेऊ अनंता अहेऊ प्रणता कारणा श्रांता जीवा श्रणंता अजीवा श्रणंता भवसिद्धिया अरांता अभवसिद्धिया अणंता सिद्धा श्ररगंता प्रसिद्धा श्राघविज्जंति पण्णविज्जति परुविज्जति दंसिज्जति निदंसिज्जति उवदंसिज्जति ।
ममवाय-मुत
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हेतु प्रों, अनन्त श्रहेतुयों, प्रनन्त कारणों, अनन्त अकारणों, अनन्त जीवों, अनन्त जीवों, अन्नत भवसिद्धिकों, अनन्त प्रभवसिद्धिकों, अनन्त सिद्धों, अनन्त असिद्धों का ग्राख्यान गया है, प्रज्ञापन किया गया है, प्ररूपण किया गया है, दर्शन किया गया है, निदर्शन किया गया है, उपदर्शन किया गया है ।
समवाय-द्वादशांग