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चालीसवां
समवाय
चत्तालीसइमो
समवायो १. अरहो णं अरिटुनेमिस्स चत्तालीसं अज्जियासाहस्सीओ होत्या।
१. अहंत अरिष्टनेमि के चालीस हजार
आयिकाएँ/साध्वियां थी।
२. मंदरचूलिया णं चत्तालीसं जोय
णाई उड्ढे उच्चत्तणं पण्णत्ता।
२. मन्दरपर्वत की चूलिका ऊँचाई की दृष्टि से चालीस योजन ऊँची है।
३. संती परहा चत्तालीसं धणूई उड्ढं उच्चत्तेणं होत्या।
३. अर्हत् शान्ति ऊँचाई की दृष्टि से
चालीस धनुप ऊँचे थे।
४. भूयाणंदस्स णं नागरण्णो चत्ता-
लीसं भवणावास-सयसहस्सा पण्यगत्ता।
४. नागराज भूतानंद के चालीस शत___ सहस्र/एक लाख भवनावास प्रज्ञप्त
५. खुड्डियाए णं विमाणपविभत्तीए
तइए वग्गे चत्तालीसं उद्देसणकाला पण्णत्ता।
५. क्षुद्रिका-विमान-प्रविभक्ति के तीसरे ___ वर्ग में चालीस उद्देशन-काल प्रज्ञप्त
६. फग्गुणपुणिमासिरणीए णं सूरिए
चत्तालीसंगुलियं पोरिसिच्छायं निव्वट्टइत्ता णं चार चरइ।
६. फाल्गुन-पूर्णिमा को सूर्य चालीस
अंगुल की पौरुषी छाया निष्पन्न कर संचरण करता है ।
७. एवं कत्तियाएवि पुण्णिमाए ।
७. इसी प्रकार कार्तिक पूर्णिमा को ।
८. महासुक्के कप्पे चत्तालीसं विमाणावाससहस्सा पण्णत्ता।
८. महाशुक्रकल्प में चालीस हजार विमानावास प्रज्ञप्त हैं।
समवाय-सुत्तं
समवाय-४०