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चउरासिइइमोसमवानो
चौरासिवां समवाय
१. चउरासीई निरयावाससयसहस्सा
पण्णत्ता।
१. नरकावास चौरासी शत-सहस्र/
लाख प्रज्ञप्त हैं ।
२. उसमे णं अरहा कोसलिए चउ
रासीइं पुष्वसयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्ध बुद्धे मुत्ते प्रतगडे परिणिन्वुड़े सव्वदुक्खपहोणे।
२. कौशलिक अर्हत् ऋपभ चौरासी
शत-सहस्र/लाख पूर्वो की पूर्ण आयु पालकर सिद्ध, बुद्ध, मुक्त, अन्तकृत, परिनिर्वत तथा सर्व दुःख-रहित हुए।
३. एवं भरहो बाहुबली बंभी
सुन्दरी ।
४. सेज्जसे गं अरहा चउरासीई वाससयसहस्साई सव्वाउयं पालइत्ता सिद्ध बुद्ध मुत्ते अंतगडे परिणिन्वुडे सव्वदुक्खप्पहीणे ।
३. इसी प्रकार भरत, वाहुवली, ब्राह्मी
और सुन्दरी [हुए] । ४. अर्हत् श्रेयांस चौरासी शत-सहस्र/
लाख वर्षों की पूर्ण आयुपालकर सिद्ध, बुद्ध, मुक्त, अन्तकृत, परिनित और सर्व दुःख-रहित हुए।
५. तिविदिळू णं वासुदेवे चउरासीई वाससयसहस्साइं सवाउयं पालइत्ता अप्पइट्ठाणे नरए नेरइयताए उववण्णे।
५. वासुदेव त्रिपृष्ठ चौरासी शत-सहस्र/
लाख वर्षों की पूर्ण आयु पालकर अप्रतिष्ठान नरक में नैरयिकत्व से उपपन्न हुए।
६. सक्कस्स णं देविवस्स देवरण्णो
चउरासीई सामाणियसाहस्सीमो पण्णत्तानो।
६. देवेन्द्र देवराज शक्र के चौरासी
हजार सामानिक प्रज्ञप्त हैं।
७. सम्वेवि गं बाहिरया मंदरा चउ- . रासोई-चउरासीइं जोयणसहसाइं उड्ढं उच्चत्तेणं पण्णत्ता।
७. सभी बाह्य मन्दरपर्वत ऊंचाई की
दृष्टि से चौरासी हजार योजन ऊँचे प्रज्ञप्त हैं।
समवाय-सुत्तं
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समवाय-८४