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सत्तासीइइमो समवायो
सत्तासिवां समवाय
१. मदरस्स णं पव्वयस्स पुरस्थिमिल्लामो चरिमंतानो गोथुभस्स पावासपव्वयस्स पच्चथिमिल्ले चरिमंते, एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई अबाहाए अतरे पण्णते।
१. मन्दर पर्वत के पूर्वी चरमान्त ने गोस्तूप आवास-पर्वत के पश्चिमी चरमा त का अबाधतः अन्तर सत्तासी हजार योजन का प्रज्ञप्त है।
२. मंदरस्स णं पन्वयस्स दविखणिल्लानो चरिमंतानो दोभासस्स प्रावासपव्वयस्स उत्तरिल्ले चरिमंते, एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई प्रवाहाए अंतरे पण्णत्ते।
२. मन्दर पर्वत के दक्षिणी चरमान्त में दकावभास आवास-पर्वत के उत्तरी चरमान्त का प्रवाधत: अन्तर सत्तामी हजार योजन का प्राप्त है।
३. मंदरस्स णं पव्वयस्स पच्चस्थिमिल्लानो चरिमंतानो संखस्स प्रावासपवयस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते, एस णं सत्तासीई जोयणसहस्साई प्रवाहाए अंतरे पण्णत्ते ।
३. मन्दर पर्वत के पश्चिमी चरमान्त मे
शंख आवास-पर्वत के पूर्वी चरमान्त का अवाघतः अन्तर सत्तामी हजार योजन का प्रनप्त है।
४. मंदरस्स गं पव्ययस्स उत्तरिल्लानो चरिमंतानो दगसीमस्स प्रावासपस्वयस्स दाहिणिल्ले चरिमते एस णं, सत्तासीई जोयरणसहस्साई प्रवाहाए अंतरे पण्णते।
४. मन्दर पर्वत के उत्तरी घरमान्त मे दकसीम प्रायास-पवंत के दक्षिणी
रमान्त का प्रवायत: अन्तर मत्तानी हजार योजना प्रमप्त है।
समवाय-सुत्त
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समवाय-८०