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१६. उसमस्स णं अरहो कोसलि-
यस्स चउरासीइं गरण चउरासीई गरगहरा होत्या।
१६. कौशालिक अर्हत ऋषभ के चौरासी
गण और चौरासी गणधर थे।
१७. उसमस्स णं कोसलियस्स उसभ-
सेणपामोक्खायो चउरासीई समणसाहस्सीनो होत्था।
१७. कोशलिक अहंत ऋषभ के ऋषभ
सेन प्रमुख चौरासी हजार श्रमण थे।
१५. सम्वेवि चउरासीइं विमाणा-
वाससयसहस्सा सत्ताणउइं च सहस्सा तेवीसं च विमाणा भवंतीति मक्खायं ।
१५. सभी विमानवासी/वैमानिक देवों के
चौरासी लाख सतानवे हजार, तेईस विमान है, ऐसा आख्यात है।
समवाय-सुत्तं
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समवाय-८४