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तेवर इमो समवात्रो
१. देवकुरुउत्तरकुरियातो णं जीवाओ तेवन्नं - तेवन्नं जोयणसहस्साई साइरेगाई श्रायामेणं पण्णत्ताओ ।
२. महाहिमवं तरुप्पीणं वासहरपदवयाणं जीवाश्रो तेवन्नं तेवन्नं जोयरणसहस्साइं नव य एगतीसे जोयरस छच्च एक्कूणवीसइभाए जोure श्रायामेणं पण्णताम्रो ।
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३. समणस्स णं भगवश्रो महावीरस्स तेवन्नं प्रणगारा संवच्छर परियाया पंचसु श्रणुत्तरेस महइमहालएसु महाविमारणेसु देवत्ताए
उववन्ना ।
४. संमुच्छिम - उरपरिसप्पारगं उक्कोसेणं तेवन्नं वाससहस्सा ठिई
पण्णत्ता ।
समवाय-सुतं
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तिरपनवां समवाय
१. देवकुरु और उत्तरकुरु की जीवा तिरपन- तिरपन हजार योजन से कुछ अधिक श्रायाम की-लम्बी प्रज्ञप्त है ।
२. महाहिमवान और रुक्मी वर्षंघर पर्वतों की जीवाएँ तिरपन- तिरपन हजार नौ सौ इकत्तीस योजन और एक योजन के उन्नीस भागों में से छह भाग कम (५३९३१ ६ योजन) आयाम की - लम्वी प्रज्ञप्त है ।
३. श्रमण भगवान् महावीर के एक संवत्सर / एक वर्षीय श्रमण-पर्याय वाले तिरपन अनगार प्रति विशिष्ट पांच अनुत्तर महाविमानों में देवत्व से उपपन्न हुए ।
४. सम्मूच्छिम उरपरिसृप जीवों की उत्कृष्टतः तिरपन हजार वर्ष की स्थिति प्रज्ञप्त है |
समवाय- ५३