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एक्कासीइइमो समवाश्रो
१. नवनवमिया णं भिक्खुपडिमा एक्कासी राइदिएहि चहि य पंचत्तह भिक्लास एहि श्रहासुतं महाकप्पं अहामग्गं ग्रहातच सम्मं कारण फालिया पालिया सोहिया तोरिया किट्टिया प्राणा राहिया यावि भवइ ।
२. कुस्तणं अहो एक्कासीति मणपज्जवनाणिसया होत्या ।
३. विमाहपण्णत्तीए एक्कासीति महाजुम्मसया पण्णत्ता |
समवाय-सुतं
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इक्यासिवां समवाय
१. नव नवमिका भिक्षु प्रतिमा इक्यासी रात-दिन में चार सौ पांच भिक्षा [ - दत्तियों ] से सूत्र के अनुरूप, कल्प के अनुरूप, मार्ग के अनुरूप और तथ्य के अनुरूप, काया से सम्यक् स्पृप्ट पालित, शोषित, पारित, कीर्तित और आज्ञा से प्रारावित होती है ।
२. अर्हतु कुन्यु के इक्यासी सो मनःपर्यवज्ञानी थे ।
३. व्याख्याप्रज्ञप्ति में इक्यासी महायुग्मशत प्रज्ञप्त हैं ।
समदाय - =१