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एगणतीसइमो समवानो
उनतीसवां समवाय
१. एगणतीसइविहे पावसुयपसंगे गं पण्णत्ते तं जहाभोमे उप्पाए सुमिरो अंतलिक्खे अंगे सरे वंजणे लपखणे ।
भोमे तिविहे पण्णते, तं जहासुत्ते वित्ती वत्तिए, एवं एक्केयर्फ तिविहं । विकहाणुजोगे विज्जाणुनोगे मंताणुजोगे जोगाणुजोगे अण्णतित्यियपवत्ताणुजोगे।
१. पाप-श्रुत के प्रसंग उनतीस प्रकार के प्रज्ञप्त है, जैसे कि१. भौम, २. उत्पात, ३. स्वप्न, ४. अन्तरिक्ष, ५. अंग, ६. स्वर, ७. व्यंजन, ८. लक्षण । भीम तीन प्रकार का प्राप्त है, जैसे किसूत्र, वृत्ति, वात्तिक । इस प्रकार एक-एक के तीन प्रकार [८४३-२४ भेद] २५. विकथानुयोग, २६. विद्यानुयोग, २७. मंत्रानुयोग, २८. योगानुयोग, २६. अन्यतीर्थिकप्रवृत्तानुयोग।
२. प्रासारणं मासे एगणतोससरा-
इंदिपाई राइदियग्गेरणं पण्णते।
२. आपाढ़ मास रात-दिन के परिमाण
से उनतीस रात-दिन का प्रज्ञप्त है ।
३. भदवए गं मासे एगणतीसरा
इंदिप्राइं राइंदियग्गेरणं पण्णते।
३. भाद्रपद मास रात-दिन के परिमाण
से उनतीस रात-दिन का प्रज्ञप्त है ।
४. कत्तिए रणं मासे एगणतीसरा-
इंदियाई राइंदियग्गेरणं पण्णते।
४. कात्तिक मास रात-दिन के परिमाण
से उनतीस रात-दिन का प्रज्ञप्त है।
५. पोसे रणं मासे एगणतीसराइंदि
भाई राइंदियग्गेणं पण्णत्ते।
५. पौष मास रात-दिन के परिमाण से
उनतीस रात-दिन का प्रज्ञप्त है ।
६. फागुणे णं मासे एगणतीसराई
दिनाई राईदियग्गेणं पण्णत्ते। समवाय-सुत्तं
६. फाल्गुन मासें रात-दिन के परिमाण
उनतीस रात-दिन को प्रज्ञप्त है ।