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रात्निक के सामने, यह शैक्ष
कृत आशातना है। १५. शैक्ष अशन, पान, खाद्य और
स्वाद्य लाकर पहले शैक्षतर को दिखाता है, पश्चात् रात्निक को, यह शैक्ष-कृत पाशातना है।
राइणियस्स - पासायणा
सेहस्स। १५. सेहे असणं वा पाणं वा
खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुत्वमेव सेहतरागस्स उवदंसेति, पच्छा राइरिणयस्स-पासायणा
सेहस्स। १६. सेहे असणं वा पाणं वा
खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुन्वमेव सेहतरागं उवणिमंतेइ, पच्छा
राइणियं प्रासायणा सेहस्स। १७. सेहे राइणिएण सद्धि असणं
वा पाणं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं राइणियं प्रणापुच्छित्ता जस्स-जस्स इच्छइ तस्सतस्स खद्धं-खद्धं दलयइ
आसायणा सेहस्स। १८. सेहे असणं वा पाणं वा
खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता राइणिएण सद्धि आहरेमारणे तत्थ सेहे खद्धंखद्धं डायं-डायं ऊसढं-ऊसद रसितं-रसितं मणुण्णं-मणुvणं मणाम-मणामं निद्धनिद्धं लुक्खं-लुक्खं प्राहरेत्ता
भवइ-प्रासायणा सेहस्स। १६. सेहे राइणियस्स वाहर
माणस्स अपडिसुरणेत्ता भवइ-पासायणा सेहस्स ।
१६. शैक्ष अशन, पान, खाद्य और
स्वाद्य लाकर पहले शैक्षतर को निमंत्रित करता है, फिर रालिक को, यह शैक्ष-कृत
आशातना है। १७. शैक्ष रात्निक के साथ अशन,
पान, खाद्य और स्वाद्य लाकर उनसे बिना पूछे, जिस-जिस को चाहता है उस-उस को 'खामो-खाओं' कहता हुआ देता है, यह शैक्ष-कृत प्राशा
तना है। १८. शैक्ष अशन, पान, खाद्य और
स्वाद्य लाकर रात्निक के साथ आहार करता हुआ उच्छित रसित, मनोज्ञ, मनोनुकूल, स्निग्ध और रूक्ष-उत्तम भोज्य पदार्थों को डाय-डाय | जल्द-जल्दी खद्ध-खद्ध/बड़े-बड़े कवलों से खाता है, यह शैक्ष
कृत पाशातना है। १६. शैक्ष रात्निक के वचन-व्यवहार
को अनसुना कर देता है, यह शैक्ष-कृत प्राशातना है ।
समवाय-३३
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