________________
श्रीहरिः निवेदन
भगवान् श्रीशंकराचार्यके प्रन्थोंमें 'विवेक-चूडामणि' एक प्रधान ग्रन्थ है । यह मुमुक्षु पुरुषोंके लिये बड़ा ही उपयोगी है। हिन्दीमें इसके कई अनुवाद प्रकाशित हो चुके हैं, परन्तु उनके दाम अधिक हैं । सस्ते मूल्यमें प्रेमी पाठकोको यह प्रन्थ मिल जाय, प्रधानतः इसी उद्देश्यसे गीताप्रेससे यह प्रकाशित किया गया है। श्रीशंकराचार्यके उपनिषद्-भाष्य, भगवदीता-भाज्य, श्रीविष्णुसहस्रनामके भाष्यका अनुवाद एवं कुछ और भी अनुवाद छपे हैं।
तीसरे संस्करणसे पुस्तकमें थोड़ा परिवर्तन करके इसे सबके लिये सुलभ बनानेके विचारसे दाम =)से घटाकर 1) कर दिया है। श्रीशंकराचार्यजीका चित्र सादेके बजाय रंगीन लगा दिया गया है । आशा है, प्रेमी पाठक इससे अधिकाधिक लाभ उठावेंगे।
विनीत प्रकाशक
http://www.Apnihindi.com