Book Title: Terapanth Maryada Aur Vyavastha
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya, Madhukarmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
१३ कारण पड़िया क्षेत्रां मांहि रहे तो, पांच विगय पचखांण।
सूंखडी रा पिण त्याग छै तिण रे, अनंत सिद्धां री आण। १४ गण में थकां पाना लिखे जाचे, ते ले जावणा नहीं बार।
पात्रा जाचे ते ले जावणा नहीं, नवो तंतु इम धार। १५ इत्यादिक मर्याद लोप्यां, फिट-फिट जग में होवे।
निंदक टाळोकर दुख पावे, जीतब जन्म बिगोवे॥ १६ उगणीशे पणबीशे वर्षे, महासुदि छठ सोमवारं।
जयजश गणपति जोड़ करी ए, सातम महोत्सव सारं ।।
१७४ तेरापंथ : मर्यादा और व्यवस्था