Book Title: Terapanth Maryada Aur Vyavastha
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya, Madhukarmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 488
________________ इसीलिए विनीत साधु-साध्वियां आज्ञा, मर्यादा, आचार्य, गण और धर्म की सम्यक् आराधना करें और धर्म-शासन की गौरव-वृद्धि करें। आंण सम्मं आराहइस्सामि। मेरं सम्म पालस्सामि॥ आयरियं सम्मं आराहइसामि। गणं सम्म अणुगमिस्सामि। धम्मं न कयावि जहिस्सामि।। आणं सरणं गच्छामि। मेरं सरणं गच्छामि॥ आयरियं सरणं गच्छामि॥ गणं सरणं गच्छामि। सरणं गच्छामि॥ धम्म ४६२ तेरापंथ : मर्यादा और व्यवस्था

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