Book Title: Terapanth Maryada Aur Vyavastha
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya, Madhukarmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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(८) पैला आगै उपगरण उपरावै तो एक दिन घी
(९) आथण रो उन्हो आणै, (१०) आंख्यां माहै काजल,
(११) पीपलामूळ टाक रो, (१२) आंख्यां मा ओषध रो
(१३) तीन बार दिसां जायै जब बीजै दिन एकासणो नै लूखो खाणो । (१४) रातै दिसां जाय, तिण रे दोय दिन लूखो ।
(१५) गतो' पीए तिण रे पनरै दिन विगै रा त्याग छै ।
जिण रो उघाड़ो कारण जाणै, अथवा उण नै धेठी न जाणै, अथवा उण नै सरल तिनै अथवार कहै तिण री बात न्यारी छै ।
१. लिखतू आर्या मेणां २. लिखत आर्यां सरूपां ३. लिखत आर्यां बरजू ४. लिखत आर्यां बींजा ५. लिखत आर्यां बनां ६. लिखत आर्यां धनु ७. लिखत आर्यां सदा ८. लिखतू बनां ९. अजबा ।
१. तत्कालप्रसवा गाय के फटे दूध से बना पदार्थ ।
४५० तेरापंथ : मर्यादा और व्यवस्था