________________ ___ भाषाटीकासहित. उससे क्या कारोगे. क्योंकि युद्धकी सिद्धि चंचल है, कभी आप औरोंको मारता है कभी आपही मारा जाताहै इस कारण युद्ध मुझको अच्छा नहीं लागता अब हे प्राण प्रिया, मिलाप करो, यहां विचार करनेकी बात है, कि मन्दोदरीको विना विद्या पढे ऐसी नीति आसकती है रावण सरीखे पंडितको इसप्रकार समझाना कोई सहजबात नहीं है. चूडाला. फिर देखो चूडाला रानी कैसी विद्यावती थी कि जिसने अपने पति राजा शिखिध्वजको ब्रह्मज्ञानका उपदेश किया, उस ब्रह्मज्ञानको विना समझे जिस समय राजा शिखिध्वज राज्य छोड बनको चलागया तब उसकी रानीने दूसरी स्त्रीका रूप धारण करके बनमें जाय अपने पतिको समझाया कि तेरी रानीने जो तुझको ज्ञानका उपदेश किया है सो ठीक है तेरी रानी बडी ब्रह्मज्ञानवाली है, तुमने उसके उपदेशको उलटा P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust