________________ भाषाटीकासहित. 75 सत्कार भली भांति किया गया, परन्तु मानसिंहके मिल.. नेको महाराणाजी नहीं गये, तो मानसिंहने मंत्रीसे कहा, कि, हमारे पास महाराणाजीके न आनेका क्या कारण है यह सुन मंत्रीने कहा, महाराज महाराणाजोके शिरमें आज कुछ पीडा है इस कारण नहीं आसके उनके स्थानमें कुंवर अमरसिंह उपस्थित हैं, उनमें और इनमें कुछ भेद नहीं,शास्त्रमें लिखा है कि, आत्मा वैजायते पुत्रः' यह सुन मानसिंह बोले कि शिरमें पीडाका कारण हमने भलीभाति जान लिया, राणाजोने अपने घरमें आये हुये हमारा अपमान किया, याद रखना कि शिरपीडाकि औषधि लेकर हम बहुत शीघ्र फिर आवेंगे, तब दिखावेंगे कि मानसिंहका अपमान करना कैसा होता है, यह कह मानसिंह चलनेको उद्यत हुये इतनेही में महाराणा प्रतापसिंह आकर बोले, सुनो महाराज मानसिंह! जिन कुलकी मरजाद लोभ वश दूर वहाई। जीवन भय जिन खोय दई अपनी बडाई॥ EP.P.AC.Gunratnasuri M.S... Jun Gun Aaradhak Trust