________________ H thor / int er mir __ भाषाटीकासहित. .. 131 ली। पं पं पग फिरत जाय वं वं बी चलाय, सं सं सं सन् सनाय धावत जनु काली।रं रं रण करत यहां,तं तं तत्काल वहां एक छन अनेक ठौर दीखत रणवाली। युद्ध अवनि वीर ठवनि धावत बलशाली // 7 // केहकंठोरकी बाण वर्षासे व्याकुल होकर आतताईने उसका. धनुष्य काटडाला तब केहर कंठीरने म्यानसे खड्ग निकालकर आताताईको घायल किया और पटे वाजीके हाथ फेरता हुवा बीचमें तत्काल पृथ्वीराजके पास पहुंचकर महाराजके गलेमें कबन्द डाल सीटोसे अपनी सेनाको पृथ्वीराजकी सेना पर धावा करनेकी आज्ञा दा, अनन्तर गर्जकर आतताईसे कहा, रे पृथिवीराजके भासद्ध सामन्त इस समय अपना पराक्रम दिखाकर अपनी सनाकी रक्षा कर और अपने राजाको बन्धनसे छुडा.. उसी समय संयोगता कपडासे अपना मुख छिपाये Staterinlinetm20ederate PP.AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust