________________ कर्णमधुर बचनरचनाके पुस्तक अन्यत्रभी छपे हैं परंतु इतना विस्तार और ऐसा उत्तम प्रकार किसी पुस्कमें नहीं है इसमें प्रश्नोंत्तरोंकी संख्या तीनसौके लगभग हैं. पुस्तक अपूर्व और संग्रह करनेयोग्य है. मूल्य केवल 1 / रु. सेही ग्राहकोंके पास पहुं दिया जायगा. आल्हा-कंसवध। महाशयो! वीरपुरुषोंको आल्हादित करनेवाले आल्हा छन्दके प्रभावको कौन नहीं जानता, कि जिसके सुननेसे कायरभी शूरताके . जोशमें आकार भुजदण्डोंको उकसाता हुआ मूछोंको मारोडने लगता है. इसी बोरमनोरंजक छन्दमें हमने कंसवधका उल्था कराया है. कि जो आल्हाका आल्हा और भगवद्गुणानुवाद अर्थात् एक पंथ दो काज,आल्हारसिकोंको इसका संग्रह अवश्य . करना चाहिये मू.- 4 आना डा. म. 1 आना.. - हरिप्रसाद भगीरथजीकापुस्तकालय-कालकादेवीरोड़ रामवाड़ी-मुम्बई. P.P. Ac. Gunrainasuri M.S Jun Gun Aaradhak Trust