Book Title: Stree Charitra Part 02
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 189
________________ भाषाटीकासहित. 181 दरन्देश कोई काहे को पैदा होगा. हमारी पूरी चाल न जमने पाई, जो कही हमारे घरकी लड़कियां, हिंदुओंके घर जाती तो सव काम वन जाता, फिर तो इन्हें मुसल्मान वनानेमें कुछभी देर न थी, मगर उस दानिश मन्दने इस चालको तोडलिया, अच्छा कुछ मुजायक नहीं जाते कहां है जो चाल चली है, उसीको तरकी होनेका नतीजा वहभी होगा. मगर यह हिंदुओंका मुल्क है, यहां हिंदुही वसते हैं, इनकी वहादुरीका मुकाविला दुनियांमें कोई कौम नहीं कर सकती, हालांकि इस वक्त इन पर जवाल है, मगर कव खुदाताला. किसको. उरूज देगा, इसका कौन ठिकाना ? इस लिये जब तक इनके दिलसे मुल्मानासे नफरत न दूर की जावेगी. जव तक इनके दिलमें विरादराना नुहब्बत न पैदा की जायगी; तव तक मुमकिन नहीं कि मुसल्मानी सल्तनतको कयाम हो, और 19 तब तक मुमकिन नहीं. जब तक कि मजहवीजोश जहवा खयालात इनके मजबूत हैं, मगर क्या वजार AIGUBatasun Jun Gun Aaradhak Trust

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