Book Title: Stree Charitra Part 02
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 210
________________ 202 न्तु विवाह होनेसे पहलेही महाराजका शरीर छूटगया अनन्तर जयपुरके माहाराजने कृष्णकुमारीके साथ विवाह करनेके लिये संदेशे भेजे, तिलक चढनेके सामग्री तैयार थी, इतनेमें जोधपुरकी गादीपर बैठेहुये दूसरे महाराजने कह ला भेजा कि कृष्णकुमारीके विवाहका विचार पहलेही इस राज्यके अधिपतीके साथ ठहर चुका है, इस कारण हमारे साथ उसका विवाह होना चाहिये, एक राजकुमारीको व्याहनेके लिये इस प्रकार दो राजा तुम हमारे साथ कन्याका विवाह नहीं करोगे तो हम तुमारे राज्यके विध्वंस कर डालेंगे, यद्यपि राना वंश और पदवीमें इस राजाओंसे बडा माना था, परन्तु उस समय इतना पौरुषवल नहीं था, जो इस राजाओंके सन्मुख ठहर सकै, और युद्ध करके जीत सकै वे दोनों राजा अपनीहो सेना बरन लुटेहरो और वट मारोंको इकठ्ठा करने लगे, उहोंने उदयपुरके राज्यमें लूट मार मंचादा, P.P.AC.Gunratnasuri M.S

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