________________ . भाषाटीकासहित. 209 वैजावाईको मूर्ति मनमोहनी थी, और मुसक्यान ऐसी मधुर थी कि जिसको देखतेही मन हरण होजाता था, वृद्धावस्थामें बाईके सब केश श्वेत होगये थे कि जिससे वाई ऐसी जान पडती थी कि मानों इस सुवर्णके कामकी गद्दीपर बैठी हुई बाई साक्षात् जगदम्बा है, बाईके हाथे पांव बहुत छोड सुन्दर और सुडौल थे, गद्दीके समीप सेन्धियाकी तलवार रक्खी रहती थी ___ विधवा होनेके कारण बाईके हाथमें सुवर्णकी चूडीके सिवाय और कोई आभूषण नहीं रहता था, बाईके एक दैवी ज्योति देदीप्यमान थी, यह वैजाबाईका संक्षिप्त वृत्तान्त लिखा गया, इति / .. अब आगे रानी चन्दाका वृत्तान्त लिखते हैं. रानीचन्दा. रानी चन्दा पंजाब केसरी महाराज रणजीतको छोटी, स्त्री और दिलीपसिंहकी छोटी माता थी, बहुतसे मनुष्य अबभी ऐसे होंगे जिन्होंने रानी चन्दाको आने Ac. Gunratnasuri M.S... Jun Gun Aaradhak Trust