________________ भाषाटीकासहित. 207 कर अपनी गद्दीपर बिठावे, परन्तु कई कारणोंसे अपनी इच्छाको सफल न कर सकी, अन्तको बाईने विना मन अपने पतिके एक रिश्तेदार सुगतराव नामक ग्यारह वर्षके बालकको गद्दीपर बिठानेके लिये गोद लिया, जब तक वह बालक असमर्थ रहा तब तक बाईने बडी बुद्धिवानी के साथ राजकाज सम्हाला, परन्तु राजकाजके योग्य होने पर सुगतरावने गद्दीपर बैठनेके लिये वाई से प्रार्थना की तब बाईने अपने होते उसको गद्दीपर बिठाना स्वीकार नहीं किया, और यह कहा कि मेरे मरने उपरान्त तू इस गद्दीपर बैठ सकैगा, एक दिन सुगतराव महलसे निकलकर सरकार अंग्रेजके रजी डंटके पास भागकर आया और सब समाचार कहा; बाई और मुगतरावका युद्ध होना अच्छा न समझकर अंगरेजने वीचमें पढकर उनका यह निपटेरा कर दिया कि यथार्थमें सुगतराव गद्दीका स्वामी है, बाईने तो गद्दीपर बिठानेके लियेही गोद लिया था, उसके समर्थ होनेपर क्यों न गही दी जाय, इस प्रकार निवटेरा होकर विक्रमीय संवत् P.P.Ac. Gunratnasuri M:S. Gun Aaradhak Trust