________________ 216 स्त्रीचरित्र पेन्शनमेंसे कहां तक पूरा पडेगा. उसमेंसे काटकर आप क्या निहाल होंगे, पेन्शनका रुपया मेरे खर्च तक कोभी पूरा नहीं पडता, परन्तु रानीके निवेदनको सरकारने न सुना, तब तो रानीके क्रोधका ठिकाना न रहा, रानीसे सोचा कि कोई ऐसा अवसर मिलै जो इनसे इस अन्याय का भलो भांति वदला लूं. इस वातके तीन वर्ष उपरान्त सिपाहियोंका वलवा हुआ, तब रानीने झांसीके सिपाहियोंका वहका कर वागी बनाया, उन्होंने 4 जून सन 1857 को शरण आये हुये सब अंग्रेजोंको कुटुम्व सहित ... काट डाला, केवल एक मनुष्य उनमेंसे जीता बचा, किया था, यद्यापि यह हत्या रानांके शिरपर रक्खी जाती है तथापि विचार करनेसे ऐसा जान पडता है, रानीका अभिप्राय यह न था कि वे लोग मारे जाय, नहीं तो वह डाक्टरभी जीता नहीं रहने पाता, अनन्तर रानीने नये सिरेसे झांसीका राज्य स्थापित किया, __ और समझ लिया कि एक दिन अवश्य युद्ध करना