________________ भाषाटीकासहित. 201 * अहल्याके समान भारतवर्षमें ऐसी धर्मावतार और उदारहृदय स्त्री दो हजार वर्षके बीच उत्पन्न नहीं हुई, जिसनें तीस वर्ष पर्यंत धर्मराज्य किया, विक्रमीय संवत् 1841 साठि वर्षकी अवस्थामें वाईका स्वर्गवास हुआ, इस मृत्यु लोकमें बाईका नाम शेष रहगया, इति। - अब आगे कृष्णकुमारीका शोकमय वृत्तान्त संक्षेप गतिसे लिखते हैं: कृष्णकुमारी. राजस्थानके सब राजाओंमें उदयपुरके महाराजाका वंश सबसे उच्च माना जाताहै, कृष्णकुमारी महाराणी उदयपुरकी कन्या थी, इसका जन्म विक्रमीय संवत् 1848 हुआ था, कृष्णकुमारीका मृदु भाषण, मंन्दगमन ऐसा मनोहर था कि प्रायः लोग उसको राजस्थानका कमल कहते थे, कृष्णकुमारी अति रूपवती थी, कृष्णकुमारीका विवाह जोधपुरके महाराजके साथ ठहरा परं M P.P.Ac:Gunratnasuri M.S. . . Gun Aaradhak Trust