Book Title: Stree Charitra Part 02
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 196
________________ 188 स्त्रीचरित्र जानकर राजाको योग्य है कि रणसे लौट आवै और सैन्य संग्रह करके दुवारा युद्ध करे और शत्रुको जीते. - यह सुनकर रानीका क्रोध शान्त हुआ, इस वृत्तान्तसे पाठक गण अनुमान करें कि राजपूत स्त्रियां कैसी शूर वीर और साहसयुक्त होती हैं, इति / - आगे उन्नीरकी रानीका वृत्तांत लिखते हैं गुन्नीरकीरानी. भूपालके समीप गुन्नीरकी रानी राज्य प्रबन्ध करती थी, मुसल्मानोंने रानीके रूपकी प्रशंशा सुनकर अपना मन चंचल किया, और छलसे उसके राज्यको अपने अधिकार में करलिया, जिस मुसल्मान सरदारने भूपालके वर्तमान राजकुलको नींव डाली थी और गुन्नीरका राज्याधिकार छलसे अपने अधिकारमें कर लिया उसकी यह इच्छा हुई कि में गुन्नीरको रानीको अपनी स्त्री वनाऊं, गुनौरके राजमहलके नीचे खडे होकर रानीको वुलवाकर पूछा कि तुम हमारे साथ व्याह करोगी या P.P.AC. Gunratnasuri M.S.. Jun Gun Aaradhak Trust

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