Book Title: Stree Charitra Part 02
Author(s): Narayandas Mishr
Publisher: Hariprasad Bhagirath

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Page 191
________________ भाषाटीकासहित.. विचार करते वादशाह अकबरके हृदयका भाव तथा वीर नारीकी वीरताको पाठक जन स्वयं समझ लेंगे. इति ... अब आगे रानी मृगनयनीका संक्षिप्त वृत्तान्त लि खते हैं. मृगनयनी. शाह जहां बादशाहके समयमें अर्थात् लडाई सौ वर्षके लगभगकी बात है. कि गान विद्यामें परम गुणवती महाराणी मृगनयनी गुजरात देशके महाराजाकी.. परम प्रिय पुत्री थी, और गवालियर के तोमर वंशीय राजा मानसिंहकी रानी थी, खड्ग रावन अपने इतिहासमें लिखा है कि, राजा मानसिंहकी दो सौ रानियोंमें सबसे अधिक रूपवती गुणवती, शीलवती, रानी मृगनयनी थी, राजाको गानविद्यामें अति प्रेम था, और रानी मृगनयनी गानविद्यामें बहुत प्रवीण थी, आजतक किसी राजकुलमें ऐसी परम प्रवीण रानी कोई नहीं हुई, मृगनयनीके निकाले हुये चार प्रकारके राग 1 गुजारी, 2 वहील गुजारी, 3 मंगल गुजारी, 4 माल PP.AC. Gunratnasuri-M.S. Jun' Gun Aaradhak Thusk

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