________________ स्त्रीचरित्र. जोधाबाई और बादशाह दोनों तीन कोस पैदल चलते और बरा बर सडक पर दरियों ओर गलीचोंका फर्श विछाया जाता था, जिससे वेगमसाहबके कोमल चरणोंमें कंकड व तृण आदि न चुमैं, परदा करनेके लिये सडकके दोनों ओर कनाते खडीकर दी जाती . थीं, जब समाधि तक दो पहुंचे और प्रार्थना की तो उसी रात्रि स्वप्न हुआ कि, फतेह सीकरमें चला जा. वहां एक साधु रहता है वह तेरी सेवासे प्रसन्न होकर तुझको सन्तान होनेका वर प्रदान करे. इस स्वप्नके अनुसार अकबर फतेहपर सीकरीमें गया वहां पहुंचकर शेखसलीम नाम साधुकी सेवा करने लगा. उसने प्रसन होकर जोधाबाईसे कहा कि तेरे उदरसे एक तेजस्वी पुत्र प्रगट होगा, और ईश्वरकी कपासे बहुत काल तक जीवित रहेगा, परमात्माके अनुग्रह रानी गर्भवती होगई, पुत्रोत्पन्न होने पर्यंत वहीं साधुकी कुटीके समीप रही, जब राजकुमार जन्म हुआ, तो उसका नाम साधु के नामपर मिर्जासलीम रक्खा गया, जो जहांगीर P.P. Ac. Gunrafnasuri M.S." Jun Gun Aaradhak Trust